Himachal Bus Landslide: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में भीषण भूस्खलन की चपेट में आई बस हादसे में मरने वालों की संख्या बुधवार सुबह एक बच्चे का शव मिलने के साथ बढ़कर 16 हो गई। अधिकारियों ने ये जानकारी दी। खोज एवं बचाव अभियान बुधवार सुबह खत्म हो गया। ये घटना मंगलवार शाम को हुई जब बर्थिन के पास भालूघाट इलाके में एक पहाड़ का बड़ा हिस्सा टूटकर चलती बस पर गिर गया। मंगलवार रात तक मलबे से कुल 15 शव निकाले जा चुके थे।
बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक संदीप धवल ने बताया, “कुल 16 शव बरामद किए गए हैं और दो बच्चों को बचा लिया गया है। बचाव दल ने दुर्घटनास्थल की गहन तलाशी ली है और फंसे हुए लोगों की तलाश के लिए मलबे के एक लटके हुए हिस्से को भी तोड़ा है।” एसपी ने बताया कि फंसे हुए किसी भी व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिलने के बाद बचाव अभियान खत्म हो गया है। उन्होंने ये भी बताया कि उन्हें किसी लापता व्यक्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
खराब दृश्यता और मिट्टी खिसकने के कारण कल देर रात रोक दिया गया तलाशी अभियान बुधवार सुबह फिर से शुरू हुआ। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की दो टीमें, स्थानीय लोग, पुलिस, होमगार्ड और दमकलकर्मी तलाशी अभियान में लगे रहे। एनडीआरएफ के अधिकारियों ने बताया कि पीड़ितों की तलाश के लिए डॉग स्क्वॉड और भारी चट्टानों को हटाने के लिए मशीनें लगाई गईं। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में नौ पुरुष, चार महिलाएं और तीन बच्चे शामिल हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि मंगलवार को बिलासपुर जिले में हुए भीषण भूस्खलन के बाद 18 यात्रियों को ले जा रही बस दब गई थी। उन्होंने यहां संवाददाताओं को बताया कि बुधवार को एक और शव मिलने के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 16 हो गई, जबकि दो बच्चों को बचा लिया गया। सुक्खू ने कहा कि सूचना मिलते ही सरकार ने बचाव अभियान शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा, “ये एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। सरकार ने शोक संतप्त परिवारों को चार लाख रुपये की राहत राशि देने की घोषणा की है।” सुक्खू ने बताया कि दशहरा उत्सव के लिए कुल्लू में मौजूद उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे, जबकि शहरी विकास मंत्री राजेश धर्माणी, जो एक बैठक के लिए दिल्ली में थे, वे भी बिलासपुर लौट आए।
उन्होंने भूस्खलन के लिए मानसून के दौरान हुई अत्यधिक बारिश को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, “ऊंचे पहाड़ों पर बर्फबारी और बाकी इलाकों में अत्यधिक बारिश हो रही है… ऐसी घटनाएं आमतौर पर अक्टूबर के महीने में नहीं होतीं। ये जलवायु परिवर्तन का नतीजा है।” सुक्खू ने कहा कि इस मानसून के दौरान राज्य को 7,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 1,500 करोड़ रुपये का राहत पैकेज अभी तक नहीं मिला है। उन्होंने यात्रियों को संकरी सड़कों पर सावधानी से गाड़ी चलाने की भी चेतावनी दी, क्योंकि भूस्खलन स्वाभाविक घटना बन गई है।
मंगलवार को जिन 15 लोगों के शव बरामद किए गए, उनकी पहचान नक्ष (7), आरव (4), संजीव (35), विमला (35), कमलेश (36), कांता देवी (51), अंजना (29), बख्शी राम (42), नरेंद्र शर्मा (52), कृष्ण लाल (30), चुन्नी लाल (52), रजनीश (36), राजीव उर्फ सोनू (40), शरीफ खान (25) और प्रवीण कुमार (40) के रूप में हुई है। बुधवार सुबह जिस बच्चे का शव मिला, उसकी पहचान राहुल (7) के रूप में हुई है।
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं और हर मृतक के परिवार को तत्काल राहत के रूप में 25,000 रुपये की राशि दी गई है। मृतकों में एक ही परिवार के चार सदस्य शामिल हैं – दो भाइयों की पत्नियां और एक भाई के दो बच्चे – जो एक समारोह में शामिल होने के बाद घर लौट रहे थे।
एक अधिकारी ने बताया कि दूसरे भाई-बहन – आरुषि और शौर्य – के बच्चे बचाए गए लोगों में शामिल हैं और उन्हें एम्स बिलासपुर में इलाज के बाद घर भेज दिया गया है। आरुषि और शौर्य के पिता राज कुमार ने कहा, “मेरी पत्नी और दो बच्चे, और मेरे भाई की पत्नी और उनके दो बच्चे, एक समारोह से घर लौट रहे थे, जब ये हादसा हुआ। अब केवल मेरे बच्चे ही जिंदा बचे हैं।”
उपमुख्यमंत्री अग्निहोत्री, जिन्होंने मंगलवार रात दुर्घटनास्थल पर बचाव कार्यों का जायजा लिया और पीड़ितों के परिवारों से भी मुलाकात की, ने कहा कि पिछले दो दिनों से क्षेत्र में बारिश हो रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि भारी बारिश के बाद पहाड़ खिसकने के कारण ये दुर्घटना हुई। उन्होंने ये भी बताया कि घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
उन्होंने कहा, “हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है जहां बड़ी सड़कों, पुलों और सुरंगों का निर्माण कार्य चल रहा है। इसलिए, इस बात की समीक्षा करने की जरूरत है कि क्या वर्तमान विकास मॉडल टिकाऊ है।” उन्होंने आगे कहा कि राज्य को 2023 से कई प्राकृतिक आपदाओं के कारण लगभग 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की, जबकि घायलों को 50,000 रुपये मिलेंगे।