आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में कई बार हम लोग अपनी स्वास्थ्य का ध्यान रखने में लापरवाही करते हैं। जिससे हम कई जानलेवा बीमारियों के शिकार हो जाते है, यहां तक की जान तक गवानी पड जाती है। अगर बात करें दिल की बढ़ती बीमारियों की तो यह समस्या इतनी आम हो चुकी है कि आज हर कोई ना कोई इस समस्या का शिकार है। भारत जैसे देश में आज दिल के रोगियों की संख्या बहुत अधिक संख्या में बढ़ती जा रही है। जिसका मुख्य कारण अनियमित जीवन-शैली, खराब लाइफ़स्टाइल, बैड फूड हैबिट, तनाव चिंता आदि हैं। दिल की बीमारियों के कारण होने वाले मौत का सबसे बड़ा कारण हार्ट अटैक है। हार्ट अटैक अचानक से और किसी भी समय पर पड़ सकता है। हालांकि इस अटैक के आने से पहले शरीर कई तरह के संकेत भी देता है। ऐसे में इसके शुरुआती लक्षणों की पहचान कर इस बीमारी को जानलेवा होने से रोका जा सकता है। तो आइए जानते है इसके बारे में…
हार्ट अटैक या हृदयाघात
हार्ट अटैक एक ऐसी समस्या है, जब शरीर की नसों में खून का प्रवाह ठीक नहीं हो पाता है तो ऐसे में खून जमने की समस्या या क्लॉटिंग होना शुरू हो जाती है। इस क्लॉटिंग की वजह से खून हार्ट तक पहुँचने में असमर्थ होता है और हार्ट को ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है। इस स्थिति में हार्ट अटैक आता है और इलाज न मिलने पर इंसान की जान चली जाती है।
हार्ट अटैक के लक्षण:
अक्सर हम बीमारी के शुरुआती संकेतों को नजर अंदाज कर देते हैं जिससे इस लापरवाही का परिणाम जानलेवा तक हो जाता है। ऐसे में इसके लक्षणों को जानना बेहद ही जरूरी है।…….
• सीने के आसपास या फिर बीच में बेचैनी महसूस होना।
• सांस ठीक से नहीं आना, या फिर तेज पसीना आना, जी मिचलाना, तेज सिरदर्द के साथ उल्टी जैसी समस्याएं होना।
• इसके अलावा भारीपन, सिकुड़न और दर्द महसूस होना, शरीर के ऊपरी हिस्से जैसे बांहों, गले, पेट और पीठ में दर्द होना और जल्दी-जल्दी थकान महसूस होना।
• फास्ट फूड का अधिक सेवन, हाई ब्लड प्रेशर, खून में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, मोटापा और डायबिटीज की बीमारी के कारण भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
भारत में हर साल 13-14 लाख लोग हार्टअटैक से पीड़ित
हार्ट एक मस्कुलर अंग है, जो दिन में 1 लाख बार धड़कता है और 24 घंटों में पूरे शरीर में 5000 गैलन रक्त पंप करता है। हार्ट का मुख्य कार्य टिश्यू को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति करना है। अगर यह अंग अपने काम को पूरा करने में विफल रहता है, तो इसका परिणाम जीवन के लिए खतरा भी साबित हो सकता है। आंकड़ों पर गौर करें, तो भारत में हर साल लगभग 13-14 लाख लोग हार्ट अटैक से पीड़ित होते हैं। जिसमें 8 से 9 फीसदी रोगी समय पर उचित इलाज नहीं मिल पाने की वजह से काफी मुश्किलों का सामना करते हैं और महज 30 दिनों के भीतर ही अपनी जान गवां बैठते हैं। हृदय रोग विशेषज्ञ इस स्थिति को एसटी-एलिवेशन मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन के नाम से जानते हैं।
हार्ट अटैक से ऐसे करें बचाव
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक हार्ट अटैक को रोकना थोड़ा मुश्किल है, अगर समय से हार्ट अटैक के लक्षण की पहचान हो जाए तो इसको रोका जा सकता है। हार्ट अटैक को रोकने के बहुत सारे उपाय होते हैं..
• अगर सांस लेने में दिक्कत हो रही है या फिर हार्ट तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच रहा है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
• लाइफ स्टाइल, खानपान को दुरुस्त बनाएं। डाइट में हरी सब्जियां और फल शामिल करें। दालचीनी, मेथी दाना, सेब, रसदार फल, आंवला, लौकी का रस जैसी घरेलू चीजों के नियमित सेवन से हार्ट अटैक से काफी हद तक बच सकते हैं।
• मसालेदार भोजन, जंक फूड, मैदे के बने फूड, बासी, तला भुना और असमय भोजन इन सब चीजों से परहेज रखें।
• रोज व्यायाम करने की आदत बनाएं। इसके लिए शशांक आसन, धनुरासन, ताड़ासन, कटिचक्रासन, वज्रासन, सूर्य नमस्कार जैसे आसनों को अपनाना चाहिए। इसके अलावा अनुलोम विलोम, चंद्र भेदन, नाड़ी शोधन, भ्रामरी और शीत प्राणायाम इसमें बेहद लाभप्रद होते हैं।