Air Pollution: राजधानी दिल्ली-एनसीआर में बीते कुछ हफ्तों से आसमान में धुंध है, हवा की खराब होती गुणवत्ता को लेकर सभी लोग परेशान हैं। दिल्ली की वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट आई और यह ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गया। सुबह करीब 7 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 371 दर्ज किया गया, इस तरह की प्रदूषित हवा को स्वास्थ्य विशेषज्ञ सेहत के लिए कई प्रकार से नुकसानदायक मानते हैं।
नेत्र रोग विशेषज्ञों के अनुसार, जब प्रदूषित हवा में मौजूद सूक्ष्म कण पीएम 2.5 आंखों में पहुंचते हैं तो इससे कॉर्निया में सूजन, जलन, खुजली और लालिमा जैसी दिक्कतें बढ़ने लगती हैं। लगातार प्रदूषण वाले वातावरण में रहने के कारण ड्राई आई सिंड्रोम और एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं, बच्चों और बुजुर्गों में यह दिक्कत और भी ज्यादा देखने को मिलती है क्योंकि उनकी आंखें ज्यादा संवेदनशील होती हैं।
प्रदूषण के मौसम में आंखों को स्वस्थ रखने और जलन जैसी समस्या को कम करने के लिए दिन में 2-3 बार ठंडे या साफ पानी से आंखों को धोएं। इससे आंखों में जमा प्रदूषक कण साफ हो जाते हैं और ताजगी महसूस होती है। अगर आप बाहर से घर लौटे हैं तो तुरंत आंखों पर ठंडे पानी के छींटे मारें। इससे जलन और लालपन दोनों में राहत मिलेगी।
प्रदूषण के कारण अगर आंखों में जलन-चुभन हो रही है तो आंखों को बार-बार रगड़ें नहीं, इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर की सलाह से आर्टिफिशियल टीयर्स या किसी ड्रॉप का इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि आंखें नम बनी रहें और सूखापन न हो।
प्रदूषण वाले दिनों में घर से बाहर निकलते समय आंखों की सुरक्षा बहुत जरूरी है। हवा में मौजूद धूल, धुआं और माइक्रो-पार्टिकल्स सीधे आंखों में जाकर नुकसान पहुंचाते हैं। बाहर निकलते वक्त हमेशा सनग्लासेस पहनें। ये न सिर्फ धूप से बचाते हैं बल्कि प्रदूषण के कणों को आंखों तक पहुंचने से भी रोकते हैं।
स्क्रीन टाइम कम करें
वायु प्रदूषण के साथ अगर आप ज्यादा देर तक मोबाइल, लैपटॉप या टीवी स्क्रीन के सामने रहते हैं तो आंखों की परेशानी दोगुनी हो जाती है। लंबे समय तक स्क्रीन पर देखने से आंखें सूखने लगती हैं, जिससे जलन और दर्द बढ़ जाता है। इसलिए 20-20-20 रूल अपनाएं, इसमें हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें। इससे आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलता है।