Haryana: हरियाणा के नूंह में बाजार दिवाली के लिए रंग-बिरंगे सामानों से भरे पड़े हैं, लेकिन शहर के कुम्हार बताते हैं कि इस बार मिट्टी के दीयों की मांग काफी कम है। नूंह में पीढ़ियों से लोग मिट्टी के दीये बनाते आ रहे हैं, लेकिन इस बार मांग में गिरावट के लिए वो बाजार में बड़ी तादाद में मौजूद चीनी सामान को जिम्मेदार बता रहे हैं।
कुम्हार बताते हैं कि मुफ्त में मिलने वाला कच्चा माल अब काफी महंगा हो गया है जिससे मुनाफे में कमी आई है। गांव में अब बहुत कम परिवार ऐसे हैं जो इस काम से जुड़े हैं। पहले पूरा गांव ही मिट्टी के दीये और दूसरा सामान बनाया करता था। इसी से उनकी रोजी-रोटी चलती थी।
ऐसे में कुम्हार सरकार से मदद की अपील कर रहे हैं, ताकि पीढ़ियों से चला आ रहा उनका काम आगे भी चल सके। कुम्हार रमेश प्रजापत ने कहा कि “हमारे दादा जी करते थे, हम पहले से करते आ रहे हैं ये काम और इसके लिए हम तीन महीने पहले तैयारी कर देते हैं। व्रत वाले करवा बनाते हैं, ढक्कन बनाते हैं। वैसे तो हर मौसम में सारी चीज बनाते हैं घड़ा, मटका, जैसा मौसम आता है, वही बनाते हैं। दीपावली चल रही है तो दीपावली के दीये बना रहे हैं। पहले बहुत काम था, अब कम हो गया है क्योंकि अब मिट्टी भी मोल आ रही है, ईधन भी मोल आ रहा है, चाइनीज आइटम ज्यादा चल रहा है इसलिए दुकानदारी कम हो गई है।”
कुम्हार ज्ञानीराम प्रजापत ने कहा कि हमारे यहां तो सारे आइटम बनते हैं। छोटे से लेकर बड़े, मतलब दीये से लेकर मटका तक सारी चीज बनती है और मेहनत है इसमें, थोड़ा मार्जिन कम आता है, लाभ कम है इसमें, मेहनत ज्यादा होती है। गिरावट तो यही है जी, आजकल चाइनीज माल आ रहा है, लड़ियां आ रही हैं, ये सारी चीजें की वजह से। वैसे पब्लिक लेती है इनको भी।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि “दीपावली की तैयारियां तो पूरी होती हैं लेकिन जो बाजार में प्लास्टिक का चाइनीज सौदा है बाहर का, तो उससे हमारा ग्राहक अब पहले से आधा भी नहीं है। और इसमें वो मार्जिन भी नहीं मिल पाता है अब। तैयारियां करते हैं लेकिन माल बना लेते हैं। जैसे माल बना लेते हैं 2000 पीस, उसमें से बिकेगा 500 पीस।”