Haryana: हरियाणा के करनाल में गीता सीनियर सेकेंडरी स्कूल की 12वीं की छात्राओं ने शानदार रचनात्मकता दिखाई है, उन्होंने गर्मी की छुट्टियों के दौरान चंद्रयान-3 की प्रतिकृति बनाई है।
इसरो के ऐतिहासिक चंद्र मिशन से प्रेरित होकर छात्राओं ने छुट्टी को मौज-मस्ती के बजाय सीखने और नवाचार में लगाया, उन्होंने 15 दिन में सावधानी से प्रतिकृति तैयार की। इसमें चंद्रयान-3 की अंतरिक्ष यात्रा दिखाई गई है।
शिक्षकों ने बताया कि स्कूल के प्रिंसिपल ने उन्हें गर्मी छुट्टियों के दौरान कुछ अनोखा बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके बाद चंद्रयान-3 की प्रतिकृति बनाने की योजना बनी।
यह परियोजना बताती है कि किस तरह इसरो की कामयाबी अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है। साफ है कि इससे युवाओं में जिज्ञासा, उत्साह और वैज्ञानिक सोच की भावना विकसित हुई है।
गीता सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल राजेंद्र गौड़ ने कहा कि “हमारे यहां हर वर्ष समर कैंप लगता है। इस साल भी हमने समर कैंप था, हमने मई 21 से चंद्रयान 3 के ऊपर प्लान किया था। हमने 25 मई को काम शुरू किया और प्रेजेंटेशन 11 जून को कर पाए।”
छात्राओं का कहना है कि “हमारा प्रोजेक्ट चंद्रयान3 है। हम करनाल में गीता सीनियर सेकेंड्री स्कूल के बच्चे हैं। हमने 10-15 दिन की मेहनत करके इसे तैयार किया है, क्योंकि जून का महीना चल रहा है। इसलिए समर वैकेशन की छुट्टियां हैं। तो बच्चे घर में हैं। हम 10 से 15 दिन स्कूल आए। हमारे प्रिंसिपल सर ने बहुत ज्यादा मोटिवेट किया इसके लिए। जो हमें फिजिक्स टीच करती हैं, आंचल मैम, उनसे और प्रिंसिपल सर से इंसपायर होके हमने ये प्रोजेक्ट किया।”
इसके साथ ही शिक्षिका आंचल ने कहा कि “हमारे प्रिंसिपल सर ने बोला कि समर कैंप में कुछ बनाओ। क्या करें? हमने सर्च किया तो हमारे माइंड में आया कि हम चंद्रयान बना सकते हैं। हमने सर्च किया कि हां, बिल्कुल बना सकते हैं। और चंद्रयान3 हमारा सक्सेस हो चुका था। इसलिए हम लोगों ने रिप्रेजेंट किया है उसको इस प्रोजेक्ट में।”