नमिता बिष्ट
आज दुनियाभर में विश्व टेलीविजन दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन का उद्देश्य टेलीविजन के महत्व को उजागर करना है। दरअसल ब्लैक एंड व्हाइट से शुरू हुआ यह सफर आज के समय में स्मार्ट टीवी तक पहुंच चुका है। आज शायद ही कोई घर होगा, जहां टीवी ना मिले। टीवी ना केवल हमारे मनोरंजन का साधन है, बल्कि इसके जरिए देश दुनिया में होने वाली घटनाओं का भी पता चलता है। तो चलिए जानते हैं भारत में कब और कैसे शुरू हुआ टेलीविजन का सफर……..
टेलीविजन मीडिया का सबसे शक्तिशाली माध्यम
21वीं सदीं में आज टेलीविजन मनोरजंन और खबरों के लिए जीवन का प्रमुख हिस्सा बन गया है। टेलीविजन संचार का एक ऐसा माध्यम है, जिससे एक जगह बैठकर पूरे देश या विश्व की खबरें, मनोरंजन, शिक्षा और राजनीति क्षेत्र से जुड़ी सूचनाएं मिलती है। आधुनिक दुनिया में टेलीविजन मीडिया का सबसे शक्तिशाली माध्यम बन गया है।
विश्व टेलीविजन का इतिहास
टीवी का आविष्कार एक स्कॉटिश इंजीनियर जॉन लोगी बेयर्ड ने साल 1924 में किया था। इसके बाद साल 1927 में फिलो फार्न्सवर्थ ने दुनिया के पहले वर्किंग टेलीविजन का निर्माण किया था, जिसे 1 सितंबर 1928 को प्रेस के सामने पेश किया गया था। कलर टेलीविजन का आविष्कार भी जॉन लोगी बेयर्ड ने साल 1928 में किया था, जबकि पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग 1940 से शुरू हुई थी।
इस दिन से हुई शुरुआत
टीवी के इतिहास और महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 17 दिसंबर 1996 को टेलीविजन दिवस मनाने के लिए प्रस्ताव पारित किया। तब से हर साल 21 नवंबर को टेलीविजन दिवस मनाया जाता है।
भारत में कब हुई टेलीविजन की शुरुआत
अविष्कार होने के करीब तीन दशक बाद टेलीविजन ने भारत में दस्तक दी थी। प्रेस सूचना ब्यूरो के मुताबिक 15 सितंबर, 1959 को UNESCO की मदद से देश में टेलीविजन की शुरुआत हुई थी। आकाशवाणी भवन की पांचवीं मंजिल पर टीवी का पहला ऑडिटोरियम बना था। जिसका उद्घाटन देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने किया था।
भारत में टेलीविजन का सफर
बता दें कि शुरुआती दौर में टीवी पर हफ्ते में दो बार दिन में एक घंटे के लिए प्रोग्राम चलाए जाते थे। इस कार्यक्रमों में सामुदायिक स्वास्थ्य, यातायात, सड़क नियम, नागरिकों के कर्तव्यों और अधिकारों जैसे विषय दिखाए जाते थे। इसके बाद साल 1975 में टीवी का हिंदी में नामकरण किया गया और इसे दूरदर्शन का नाम मिला। इस साल तक देश के सिर्फ सात शहरों में ही टेलीविजन की सेवा शुरू हुई थी। वहीं दूरदर्शन का रोजाना प्रसारण साल 1965 से शुरू हुआ था।
विश्व टेलीविजन दिवस का उद्देश्य
विश्व में मीडिया उद्योग को बढ़ावा देने, मानव के विकास में अहम भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से विश्व टेलीविजन दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार टेलीविजन वीडियो उपभोग का सबसे बड़ा स्रोत है। विश्व टेलीविजन दिवस दृश्य मीडिया की शक्ति की याद दिलाता है और यह जनमत को आकार देने और विश्व राजनीति को प्रभावित करने में मदद करता है।
भारत में पहली कलर टीवी
वहीं भारत में साल 1982 से कलर टीवी और राष्ट्रीय प्रसारण की शुरुआत हुई थी। इसके बाद दूरदर्शन ने लंबे समय तक लोगों का मनोरंजन किया। इस दौरान हम लोग, बुनियाद, रामायण और महाभारत जैसे प्रतिष्ठित शो प्रसारित किए गए, जिसने पूरे देश को एक जुट किया। इसके बाद 26 जनवरी 1993 को दूरदर्शन ने अपना विस्तार करते हुए अपना दूसरा चैनल लॉन्च किया। दूरदर्शन के दूसरे चैनल ‘मेट्रो चैनल’ को बाद में डीडी 2 के नाम से जाना जाने लगा।
90 के दशक के पसंदीदा टीवी शो
बता दें कि 90 के दशक में कुछ ऐसे टीवी सीरियल्स भी थे जो लोगों को बहुत पसंद थे खासकर बच्चों के पसंदीदा शो थे। जिनका लोग बेसब्री से इंतजार करते थे। इन शो को भी आज लोग बहुत याद करते हैं।
• शक्तिमान
• शाका लाका बूम बूम
• सोनपरी
• शरारत
• हातिम
• करिश्मा-करिश्मा
• खिचड़ी
Your article helped me a lot, is there any more related content? Thanks!
Thank you for your sharing. I am worried that I lack creative ideas. It is your article that makes me full of hope. Thank you. But, I have a question, can you help me?
I don’t think the title of your article matches the content lol. Just kidding, mainly because I had some doubts after reading the article.