Shah Rukh Khan: बॉलीवुड के ‘बादशाह’ शाहरुख खान का 60वां जन्मदिन

Shah Rukh Khan: बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान आज 60 साल के हो गए, एक अभिनेता, एक निर्माता और एक कल्चरल आइकन के तौर पर उनका नाम भारतीय सिनेमा की खास पहचान के तौर पर दुनिया भर में जाना जाता है। हिंदी फिल्म उद्योग में तीन दशक से ज्यादा वक्त बिता चुके शाहरुख खान प्यार, करिश्मा और स्टारडम का प्रतीक बन चुके हैं।

दिल्ली के राजेंद्र नगर में पले-बढ़े एक मध्यमवर्गीय लड़के से लेकर दुनिया के सबसे जाने-माने चेहरों में से एक बनने तक का उनका सफर सुनहरी कहानी सरीखा रहा है। दो नवंबर, 1965 को जन्मे शाहरुख ने कम उम्र में ही अपने माता और पिता को खो दिया था, लेकिन उन्होंने अपनी जिंदगी की इस कमी को अपने हौसले पर कभी हावी नहीं होने दिया। उन्होंने अभिनय में ही एक रास्ता और एक मकसद ढूंढा।

उन्होंने 1988 में “फौजी” धारावाहिक से टेलीविजन की दुनिया में शुरुआत की। इसमें उन्होंने एक ईमानदार सिपाही अभिमन्यु राय का किरदार निभाया। इस धारावाहिक ने उन्हें कम वक्त में ही घर-घर में मशहूर कर दिया। इसके बाद उन्होंने “सर्कस”, “दिल दरिया”, “दूसरा केवल” और “इडियट” जैसे टेलिविजन धारावाहिको में काम किया। शाहरुख ने अपनी खास कशिश और अंदाज से दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचा।

बड़े पर्दे पर शाहरुख ने 1992 में आई फिल्म “दीवाना” से कदम रखा। ये फिल्म एक रोमांटिक ड्रामा थी और सरप्राइज हिट साबित हुई। उसी साल, उन्होंने “चमत्कार”, “राजू बन गया जेंटलमैन” और “दिल आशना है” जैसी फिल्मों में अभिनय किया, जिससे उनकी बहुमुखी प्रतिभा शुरुआती दौर में ही सामने आ गई।

अगले साल सब कुछ बदल गया। इंडस्ट्री में कुछ वक्त पहले कदम रखने के बावजूद, शाहरुख ने एक नहीं, बल्कि दो फिल्मों – “बाज़ीगर” और “डर” में खलनायक की भूमिका निभाने का बड़ा फैसला किया। उनका ये फैसला सही साबित हुआ और दोनों ही फिल्में सुपरहिट रहीं। उन्होंने अपने अभिनय से बॉलीवुड में हीरो की छवि को नई परिभाषा दी।

शाहरुख ने अपने अंदाज से ऐलान कर दिया कि वे बॉलीवु़ड में छा जाने के लिए बेताब हैं। दर्शक भी उनसे लगातार जुड़ने लगे। सिनेमा देखने वाले लोग ऐसे युवा अभिनेता पर फिदा हो गए, जिसने जुनून को काव्यात्मक रंग दिया। 1995 में आई “दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे” ने पूरी दुनिया का रुख बदल दिया। राज मल्होत्रा ​​के किरदार में शाहरुख रोमांस के आइकन बन गए। यह फिल्म आज भी मुंबई के मराठा मंदिर थिएटर में चल रही है। ये थियेटर में अब तक की सबसे लंबे समय तक चलने वाली भारतीय फिल्म बन चुकी
है। डीडीएलजे ने शाहरुख खान को हर रोमांटिक कहानी की धड़कन बना दिया। वहीं “करण अर्जुन”, “यस बॉस”, “दिल तो पागल है”, “परदेस” और “कुछ कुछ होता है” जैसे शाहरुख खान की फिल्में उनकी बेहतरीन अदाकारी और सुपरहिट गानों की याद दिलाती हैं।

शाहरुख खान के लिए 2000 का दशक सुनहरा दौर रहा। 2000 में, उन्होंने जूही चावला और अजीज मिर्जा के साथ ड्रीम्ज़ अनलिमिटेड की शुरुआत की और “फिर भी दिल है हिंदुस्तानी” और “जोश” में अभिनय किया। उसी साल, उन्होंने “हे राम” में सहायक अभिनेता की अपनी भूमिका से दर्शकों को प्रभावित किया और “मोहब्बतें” में अपनी अदाकारी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अगले कुछ सालों में उन्होंने कई और कामयाबियां बटोरीं। फिल्म “कभी खुशी कभी ग़म…”, “देवदास”, “कल हो ना हो”, “मैं हूं ना” और “वीर-ज़ारा” ने उनके फिल्मी सफर में नए तमगे जड़े। हर फिल्म ने उनके दायरे को और बड़ा किया। वे एक टूटे हुए प्रेमी, एक भटके हुए बेटे या फिर एक वायु सैनिक के किरदार में फिट और हिट साबित हुए।

2004 में उन्होंने और उनकी पत्नी गौरी ने रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट नाम से प्रोडक्शन कंपनी शुरू की, जो आज भारत की सबसे बड़ी प्रोडक्शन कंपनियों में से एक बन गई है। उन्होंने फिल्म “स्वदेश” में अपने अभिनय से दमदार अंदाज में एक प्रवासी भारतीय की घर वापसी का भावनात्मक पहलू पेश कर अपनी लोकप्रियता में नई कड़ी जोड़ी।

इसके बाद “पहेली”, “कभी अलविदा ना कहना”, “डॉन: द चेज़ बिगिन्स अगेन”, “चक दे! इंडिया” और “ओम शांति ओम” जैसी उनकी फिल्में आईं। हर किरदार अलग था। वे एक भूतिया प्रेमी से लेकर एक सख्त हॉकी कोच की भूमिका पूरी शिद्दत से निभाते दिखे। ये बात फिल्मी पर्दे पर कहानी कहने के उनके जुनून को बयां करती है। 2008 में आई फिल्म “रब ने बना दी जोड़ी” में उन्होंने एक सीधे-सादे शख्स सुरिंदर साहनी के किरदार के जरिए दर्शकों पर अपने अभिनय का जादू चलाया।

2010 के दशक में शाहरुख खान के अभिनय में नए प्रयोग और नई सोच दिखाई दी। 2010 में आई फिल्म “माई नेम इज़ खान” में एस्परगर सिंड्रोम से जूझ रहे शख्स का किरदार बेहतरीन अंदाज में पेश कर शाहरुख ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब वाह-वाही बटोरी। उन्होंने 2011 में आई फिल्म “रा.वन” (2011) में तकनीक को अपनाया तो वे “डॉन 2” में खतरों के खतरनाक खेल को वापस लाए। 2012 में “जब तक है जान” के जरिए उन्होंने यश चोपड़ा के साथ मिलकर दर्शकों को एक बार फिर से रोमांस की दुनिया में खो जाने का मौका दिया।

2013 में आई “चेन्नई एक्सप्रेस” और 2014 की “हैप्पी न्यू ईयर” जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के जरिए उन्होंने दुनिया को अहसास कराया कि प्रशंसकों के बीच उनकी लोकप्रियता जल्द खत्म नहीं होने वाली है। उन्होंने 2015 में आई फिल्म “दिलवाले” में लंबे अरसे बाद काजोल के साथ फिर से काम किया। वहीं 2016 की “फैन” और “डियर ज़िंदगी” और 2017 में आई “रईस” जैसी फिल्मों में अलग-अलग किरदार निभाए।

हालांकि 2017 में आई “जब हैरी मेट सेजल” और 2018 की “ज़ीरो” जैसी फिल्में दर्शकों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरीं। हालांकि इनके जरिए वे एक ऐसे कलाकार को सामने लाए जो नाकामी से नहीं डरता और अपनी सीमाओं को तोड़ता है। एक छोटे से अंतराल के बाद, शाहरुख खान 2023 में एक धमाकेदार वापसी के साथ लौटे। उनकी वापसी वाली फिल्में “पठान” और “जवान” ने दुनिया भर में 10 अरब रुपये से ज्यादा की कमाई करते हुए रिकॉर्ड तोड़ दिए।

उसी साल बाद में राजकुमार हिरानी द्वारा निर्देशित “डंकी” आई, जिसमें उन्होंने एक भावुक, सामाजिक रूप से संवेदनशील कहानी पेश की। साल 2025 उनके करियर का शायद सबसे खास लम्हा लेकर आया। फिल्म “जवान” के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। ये उनका पहला राष्ट्रीय पुरस्कार भी है। यह उस शख्स के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित सम्मान था जिसने तीन दशकों से भी ज्यादा वक्त तक करोड़ों लोगों के दिलों पर राज किया है।

अभिनय के अलावा, शाहरुख ने खुद को एक चतुर उद्यमी और भारतीय सिनेमा के ग्लोबल एंबेसेडर के रूप में भी साबित किया है। उनकी कंपनी, रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट, वीएफएक्स और प्रोडक्शन के क्षेत्र में आगे दिखती है। जबकि उनकी आईपीएल फ्रैंचाइजी ‘कोलकाता नाइट राइडर्स’ लीग की सबसे सफल टीमों में से एक है। उन्होंने “कौन बनेगा करोड़पति”, “क्या आप पांचवीं पास से तेज़ हैं?” और “ज़ोर का झटका” जैसे टेलिविजन शो के साथ-साथ कई पुरस्कार और गेमिंग शो की मेजबानी की है। अपनी बेहतरीन कॉमेडी टाइमिंग और हाजिरजवाबी के लिए उन्होंने वाहवाही भी खूब बटोरी।

निजी तौर पर, शाहरुख खान की जिंदगी हमेशा से ही उन मूल्यों को पेश करती है जिन्हें वे पर्दे पर निभाते दिखते हैं। कॉलेज के वक्त की प्रेमिका गौरी खान से उनकी शादी बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत प्रेम कहानियों में से एक है। उनके तीन बच्चे हैं। सबसे बड़े बेटे आर्यन खान हैं, जिन्होंने हाल में ही नेटफ्लिक्स सीरीज़ “द बैड्स ऑफ़ बॉलीवुड” से निर्देशन में कदम रखा है और सुर्खियां बटोर रहे हैं। इसके बाद उनकी बेटी सुहाना हैं, जिन्होंने “द आर्चीज़” से अभिनय की शुरुआत की। उनका सबसे छोटा बेटा अबराम, जो अक्सर सार्वजनिक कार्यक्रमों में उनके साथ नजर आता है और सुर्खियां बटोरता है।

शाहरुख की पत्नी गौरी खान जानी-मानी डिजाइनर होने के साथ-साथ रेड चिलीज़ में सह-निर्माता हैं। ये खान परिवार को भारतीय मनोरंजन जगत में पावर फैमिली बनाता है। 60 साल की उम्र में, शाहरुख खान सिर्फ एक अभिनेता नहीं हैं बल्कि करोड़ों लोगों के लिए एक जज्बात बन चुके हैं।उनका बाहें फैलाने वाला स्टाइल, गालों पर डिंपल के साथ मोहक मुस्कान और खूबसूरती के साथ कहे गए शब्द कि- “मैं सिनेमा से बना हूं”, उनकी पहचान को दिखाते हैं। ये प्रशंसकों पर उनके जादू, उनसे जुड़ी उम्मीद और मानवता की मिसाल को पेश करते हैं।

अगले साल यानी 2026 में आने वाली शाहरुख की एक खास फिल्म का इंतजार बड़ी बेसब्री से किया जा रहा है। सिद्धार्थ आनंद द्वारा निर्देशित फिल्म “किंग” में वे अपनी बेटी सुहाना खान के साथ अभिनय करते दिखेंगे। 100 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके शाहरुख खान की विरासत बेजोड़ है। वे दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के साथ सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए आठ फिल्मफेयर पुरस्कार जीतने का रिकॉर्ड साझा करते हैं। साथ ही उन्हें पद्मश्री और फ्रांस के लीजन डी’होनूर जैसे अंतरराष्ट्रीय सम्मान से नवाजा जा चुका है।

शाहरुख खान ने खुली आंखों से सपने देखना बंद नहीं किया है। वे हर ख्वाहिश और हर सपने को हकीकत में बदलने का हुनर रखते
हैं। वे एक ऐसे प्रेमी हैं जिन्होंने दुनिया को दोबारा प्यार की दुनिया में जीना और भरोसा करना सिखाया। वे एक ऐसे अदाकार हैं जो अपने अंदाज से बार-बार याद दिलाता रहता है कि सिनेमा को दिल से महसूस कीजिए, उनसे आप खुद ब खुद जुड़ जाएंगे।

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