Rekha Birthday: बॉलीवुड की सदाबहार अदाकारा रेखा 71 साल की हो गईं, उनका करियर सिनेमा जगत की उपलब्धियों के भरा हुआ है। रेखा का जन्म 10 अक्टूबर, 1954 को हुआ उन्होंने अपने काम के बूते चार दशक तक भारतीय फिल्म इंडस्ट्री पर राज किया। पर्दे पर अलग-अलग किरदार निभाने वाली रेखा ने अपने करियर में इंडस्ट्री पर अमिट छाप छोड़ी। “सिलसिला”, “इजाजत”, “उमराव जान” और “खून भरी मांग” उनकी बेहतरीन फिल्में हैं।
तमिल सुपरस्टार जेमिनी गणेशन और तेलुगु अभिनेत्री पुष्पावली की बेटी रेखा का ख्वाब अदाकारा बनना नहीं था। परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने कम उम्र में अभिनय करना शुरू कर दिया था। रेखा ने कई बार इंटरव्यू में इसका जिक्र भी किया है। उन्होंने बताया कि अपनी मां के कहने पर उन्होंने फिल्मी दुनिया में कदम रखा।
रेखा ने अपने करियर की शुरुआत साल 1958 में आई “इंति गुट्टू” और 1966 में रिलीज “रंगुला रत्नम” जैसी तेलुगु फिल्मों से की। उन्होंने पर्दे पर बतौर बाल कलाकार कदम रखा। महज 13 साल की उम्र में उन्होंने अभिनय करना शुरू कर दिया, हालांकि उन्हें अपने लुक और भाषा की वजह से शुरुआती दौर में आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
तमाम चुनौतियों के बावजूद उन्हें 1970 में अपनी पहली हिंदी फिल्म “सावन भादों” से प्रसिद्धि मिली। इसके बाद उन्होंने कभी मुड़कर नहीं देखा। 1970 के दशक के मध्य तक रेखा को उनके अभिनय और व्यक्तित्व से बॉलीवुड की कामयाब अभिनेत्री में शामिल किया जाने लगा। एक्टिंग के प्रति उनके जुनून और पर्दे पर उनकी मौजूदगी ने रेखा के अभिनय को यादगार और प्रभावशाली बनाया।
साल 1981 में आई रेखा की फिल्म “उमराव जान” बॉक्स ऑफिस पर सुपरहित साबित हुई। इस फिल्म में उन्होंने वेश्या के किरदार को बहुत ही गरिमा और गहराई के साथ निभाया। “उमराव जान” के लिए रेखा को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला।
उसी साल, उन्होेंने बॉक्स ऑफिस पर एक और सुपरहिट फिल्म दी। यश चोपड़ा के डायरेक्शन में बनी फिल्म “सिलसिला” में रेखा के किरदार ने दर्शकों का दिल लूट लिया। फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ रेखा को खूब पसंद किया गया। इस फिल्म के बाद दोनों के अफेयर की खबरों को और हवा मिली। फिल्म में जया बच्चन भी थी। प्रेम और पत्नी के बीच उलझे रिश्तों की कहानी पर आधारित इस फिल्म को आज तक पसंद किया जाता है।
इससे पहले भी रेखा और अमिताभ की जोड़ी पर्दे पर नजर आई। फिल्म “मुकद्दर का सिकंदर” (1978) में रेखा ने अमिताभ बच्चन के साथ वेश्या जोहरा बाई का किरदार निभाया। ये फिल्म उस ,साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्म थी।
रेखा ने ऋषिकेश मुखर्जी की कॉमेडी फिल्म “खूबसूरत” (1980) में भी अपनी दमदार एक्टिंग का लोहा मनवाया। इस फिल्म में उन्होंने मंजू दयाल का किरदार निभाया था। रेखा ने इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीता।
इसके बाद उन्होंने फिल्म “खून भरी मांग” (1988) में बदला लेने वाली महिला का किरदार निभाया। इस फिल्म ने उन्हें एक और फिल्मफेयर पुरस्कार दिलाया और साबित किया कि वो किसी भी तरह के किरदार निभा सकती हैं।
रेखा ने अपने करियर में कई नामचीन पुरस्कार जीते। उन्हें चार बार फिल्मफेयर पुरस्कार (1981, 1989, 1997, 2003), एक बार राष्ट्रीय पुरस्कार (1981) और दो बार आईफा अवार्ड से नवाजा जा चुका है। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया।
लंबे समय तक पर्दे पर अपनी धाक जमाने के बाद रेखा अब कभी-कभार ही फिल्मी कार्यक्रमों, पुरस्कार समारोहों और बॉलीवुड की पार्टियों में नजर आती हैं। लेकिन उनका जलवा अब भी बरकरार है और उनके फैशन सेंस दर्शक आज भी दीवाने हैं।