Kamal Haasan: भारत के सबसे मशहूर और बहुमुखी अभिनेताओं में से एक हैं कमल हासन 71 साल के हो गए। अभिनेता, फिल्म निर्माता और राजनेता, हासन ने बेजोड़ प्रतिभा और समर्पण से भारतीय सिनेमा पर एक अमिट छाप छोड़ी है।मौजूदा वक्त में वो तमिलनाडु से राज्यसभा सांसद हैं। हासन पीढ़ियों से लाखों लोगों को प्रेरणा देते रहे हैं।
छह दशक से भी ज्यादा के फिल्मी करियर में असाधारण प्रतिभा के धनी कमल हासन एक बाल कलाकार से लेकर भारत के सबसे सम्मानित अभिनेताओं, निर्देशकों और विचारकों में से एक हैं।
उन्होंने छह साल की छोटी उम्र में 1960 में तमिल क्लासिक फिल्म ‘कलाथुर कन्नम्मा’ से अभिनय की शुरुआत की, उन्हें सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार के लिए ‘राष्ट्रपति स्वर्ण पदक’ से सम्मानित किया गया। शुरुआती दौर को याद करते हुए, हासन ने एक बार बताया था कि बाल कलाकार के रूप में उनका करियर अचानक तब खत्म हो गया, जब उनके सामने के दांत टूट गए।
कमल हासन ने सिनेमा के हर क्षेत्र में सहजता से जगह बनाई। तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, हिंदी और यहां तक कि बंगाली फिल्मों में भी बेहतर अभिनय किया है। उनके भाषाई प्रवाह और अलग-अलग किरदार में ढलने की क्षमता ने उन्हें “सर्वश्रेष्ठ अभिनेता” बना दिया। पिछले कुछ सालों में कमल हासन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए पांच ‘राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार’ और पांच भाषाओं में बीस ‘फिल्मफेयर पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है। 2000 में उन्होंने अपनी विनम्रता का परिचय दिया और फिल्मफेेयर से गुजारिश की कि उन्हें भविष्य के नामांकनों से बाहर रखा जाए, जिससे युवा प्रतिभाओं को पहचान मिल सके।
भारतीय सिनेमा में बेशुमार योगदान के लिए, उन्हें भारत के दो सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से नवाजा गया है। हासन को 1990 में पद्मश्री और 2014 में पद्मभूषण मिला। वो सिनेमा में अपने बेखौफ प्रयोग और बौद्धिक गहराई के लिए जाने जाते हैं। मणिरत्नम निर्देशित 1987 की उनकी फिल्म ‘नायकन’ को अब तक की सबसे महान भारतीय फिल्मों में से एक माना जाता है। इसे टाइम पत्रिका की ” 100 सर्वश्रेष्ठ फिल्मों” में भी शामिल किया गया था।
फिल्म ‘हे राम’, ‘विरुमांडी’ और ‘विश्वरूपम’ जैसी उनकी निर्देशित फिल्में अपने नयेपन और साहसिक कहानी के लिए मशहूर हैं। फिल्म ‘हे राम’ 2000 में ऑस्कर के लिए भेजी गई थी, कमल सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म श्रेणी में अकादमी पुरस्कारों में सबसे ज्यादा फिल्में भेजने वाले एकमात्र अभिनेता हैं।
समय से हमेशा आगे सोचने वाले हासन हमेशा कुछ नया करने के लिए जाने जाते हैं। 2008 में आई फिल्म ‘दशावतारम’ में उन्होंने दस अलग-अलग किरदार निभाए। जिनमें हर किरदार का रूप और व्यक्तित्व अनोखा था। हासन का प्रभाव फिल्मों से इतर भी है। सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने मानवीय कार्यों के लिए कल्याणकारी संगठन ‘नरपानी इयक्कम’ की स्थापना की। उन्होंने 2018 में पारदर्शिता को बढ़ावा देने, भ्रष्टाचार से लड़ने और सुशासन सुनिश्चित करने के मकसद से अपनी पार्टी ‘मक्कल निधि मय्यम’ यानी एमएनएम बनाई और राजनीति में उतरे।
चाहे फिल्म ‘मूंद्रम पिरई’ का रोमांटिक किरदार हो, ‘विश्वरूपम’ की देशभक्ति, या ‘अनबे शिवम’ की दार्शनिक गहराई हो, हासन के किरदार परंपराओं को चुनौती देते रहे हैं। सवाल करने और प्रयोग करने की उनकी इच्छाशक्ति उन्हें दूरदर्शी अभिनेता बनाती है। जून 2022 में रिलीज ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘विक्रम’ उनकी बेहद सफल फिल्म थी, जिसने चार साल बाद तमिल सिनेमा में उनकी वापसी को नया मुकाम दिया। हासन हाल ही में फिल्म ‘ठग लाइफ’ में नजर आए, जो 5 जून, 2025 को रिलीज हुई।
आज भी कमल हासन जीवन भर सीखने की इच्छा रखते हैं। वो लगातार नए विचारों, भाषाओं और कला के अलग-अलग रंगों की खोज करते रहते हैं, कमल हासन के 71वें जन्मदिन पर, दुनिया भर के फैन्स और सहकर्मी उनकी प्रतिभा को सलाम कर रहे हैं।