Kailash Kher: सिंगर-कंपोजर कैलाश खेर का कहना है कि 21 नवंबर हमेशा उनकी जिंदगी में एक इमोशनल माइलस्टोन रहेगा।
दिल्ली में मेहर रंगत फेस्टिवल के सातवें एडिशन से पहले एक इंटरव्यू में, उन्होंने सालाना इवेंट के पीछे की आध्यात्मिक प्रेरणा, अपने पिता की लेगेसी और सूफी और फोक म्यूजिक के साथ अपने बदलते रिश्ते के बारे में खुलकर बात की।
खेर ने याद करते हुए कहा, “मेरे पिता आज ही के दिन तीर्थ यात्रा पर गए थे। वो एक पुजारी, ज्योतिषी और वेदाचार्य थे, लेकिन उनका असली पैशन संत वाणी-कबीर, रैदास, गोरखनाथ, गुरु नानक, अमीर खुसरो गाना था। वो रॉ फोक स्टाइल में गाते थे।”
कैलाश खेर ने कहा “आज फोक कल्चर धीरे-धीरे खत्म हो रहा है, और ये फेस्टिवल इसे बचाने की हमारी कोशिश है।”