Gangubai Kathiawadi Review:‘गंगूबाई’ के किरदार में आलिया की एक्टिंग दमदार, फिल्म को समीक्षकों और दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया

संजय लीला भंसाली की फिल्म आलिया भट्ट-स्टारर ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ की स्पेशल स्क्रीनिंग हो चुकी है। वहीं आज यह फिल्म रिलीज हो गई है। बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर हुई। इस फिल्म को समीक्षकों और दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। बडेव बड़े सितारे भी ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ देखने पहुंचे। विक्की कौशल रिद्धिमा कपूर, रितेश देशमुख समेत तमाम बॉलिवुड स्टार्स ने ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ का रिव्यू शेयर किया है। अभिनेता रितेश देशमुख ने ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ फिल्म को एक जादुई अनुभव बताया और संजय लीला भंसाली एक परम मास्टर कहानीकार। वहीं आलिया को रितेश देशमुख ने एक शानदार ऐक्ट्रेस कहा। विक्की कौशल ने भी इंस्टाग्राम स्टोरी पर ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ को लेकर आलिया भट्ट की परफॉर्मेंस की तारीफ की।
बता दें कि ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ फिल्म हुसैन जैदी की किताब माफिया क्वींस ऑफ मुंबई के अध्यायों का रूपांतरण है और इसमें आलिया मुख्य भूमिका में हैं। आलिया भट्ट को इस तरह के रोल में कभी नहीं देखा गया है। गंगूबाई के रोल में कई चैलेंज थे जिनपर वह खरी उतरी हैं। क्यूट-सी आलिया भट्ट का गंगूबाई के किरदार में ढलना देखने लायक है। गंगू के रूप में आलिया भट्ट को सभी दर्शकों ने दमदार माना है। इसके साथ ही आलिया के डायलॉग जबरदस्त हैं
संजय लीला भंसाली ने ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ फिल्म को बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कमाठीपुरा के भव्य सेट, करीने से कोरियोग्राफ्ड भीड़, उस दौर को जवां करते गाने, कड़क सफेद साड़ी में अकड़ कर चलती गंगूबाई को और आकर्षक बनाते हैं, पर इन सबके बावजूद फिल्म का फर्स्ट हाफ फीका लगता है। रफ्तार धीमी लगती है, सीन देखे हुए से लगते हैं। लेकिन रजिया बाई के साथ गंगू की जंग जबरदस्त है, रजिया के रूप में विजय राज जब-जब स्क्रीन पर आते हैं, अपनी उपस्थिति महसूस कराते हैं, पर ये अदावत भी कुछ सीन में सिमट कर रह जाती है। फिल्म असल में अपने रंग में इंटरवल के बाद आती है। जब गंगू अपने जैसों के हक के लिए खड़ी होती है, उसका दर्द, उसका गुस्सा साफ दिखता है। हेडमास्टर से उसकी बहस से लेकर सैकड़ों की भीड़ में भाषण के सीन दमदार हैं। इसके अलावा, एक कोठेवाली कैसे अपनी जवान होती बेटी को ग्राहकों की नजर से बचाने के लिए उसे अफीम चटाकर सुला देती है, कैसे समाज इन बच्चियों को अपने बीच बिठाने लायक नहीं समझता, ये सीन सोचने पर मजबूर करते हैं। बात करें, गंगू को पर्दे पर जीने वाली आलिया भट्ट की तो असल मायने में यहां अदाकारी का चांद वही हैं। अपनी दुबली-पतली काया के बावजूद आलिया ने अपने एक्सप्रेशन, डील-डौल, बॉडी लैंग्वेज से माफिया क्वीन गंगूबाई के निडर एटिट्यूट को बखूबी उभारा है और आलोचकों को दिखा दिया है कि इस किरदार के लिए उनसे बेहतर चुनाव शायद ही कोई होता।
फिल्म में दिखाया गया है कि गंगू बाई जिसका असल नाम गंगा जगजीवनदास काठियावाड़ था। समाज से अपने हक के लिए एक लड़ाई लड़ने वाली एक औरत, जिसने अपनी जिंदगी में क्या कुछ नहीं देखा, क्या कुछ नहीं सहा….. लेकिन अभी हार नहीं मानी। वह रमणीक नाम के लड़के से प्यार करती थी। पिक्चर में हीरोइन बनने के सपने देखती थी। रमणीक ने मुंबई ले जाकर हीरोइन बनाने का सपना दिखाकर उसे 1000 रुपए में एक कोठे पर बेच दिया था। कुछ दिन अंधेरे कमरे में भूखी-प्यासी रहने के बाद उसे बाहर आना ही पड़ा। धंधेपर बैठने के बाद उसके पहले कस्टमर ने उसे नाम दिया गंगू और वहीं गंगा ने गंगू बन अपनी पुरानी जिंदगी को अलविदा कह दिया। जिंदगी में जैसे-जैसे आगे बढ़ती गई अलग-अलग तरह के लोग मिले, प्यार मिला और बाद में सम्मान भी।

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