Bollywood: मुझे नहीं लगता कि कोई टैग किसी के करियर में मदद करता है – रश्मिका मंदाना

Bollywood: अभिनेत्री रश्मिका मंदाना ने कहा कि उन्हें प्रशंसकों के दिए गए ‘‘नेशनल क्रश’’ जैसे किसी टैग से परेशानी नहीं है, लेकिन ये टैग उन्हें एक कलाकार के रूप में परिभाषित नहीं करता हैं। रश्मिका मंदाना महज 28 साल की उम्र में अभी के समय में सबसे बड़ी अभिनेत्री के रूप में उभरी हैं। उनकी फिल्म ‘गीता गोविंदम’, ‘डियर कॉमरेड’, ‘भीष्म’, ‘सीता रामम’, ‘वारिसु’ और ‘पुष्पा और पुष्पा-2’ को लोगों ने बहुत पसंद किया था।

रश्मिका मंदाना ने कहा कि एक कलाकार के तौर पर उनके लिए सबसे ज्यादा मायने ये रखता है कि लोग उनकी फिल्मों को कितना प्यार देते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि किसी तरह का टैग होने से आपके करियर में आपको कोई मदद मिलेगी। आपके फैंस के प्यार की वजह से आपको ये टैग मिलता है। वे आपको इन्हीं नामों से बुलाना चाहते हैं और वे ऐसा ही करेंगे लेकिन फिर भी ये सभी टैग सिर्फ टैग ही होते हैं।’’

रश्मिका मंदाना ने साल 2016 की फिल्म ‘किरिक पार्टी’ से अपने करियर की शुरुआत की थी और उस दौरान उन्हें लगा था कि ये केवल उनकी एक फिल्म होगी और इसके बाद उन्हें और फिल्मों में काम करने का मौका नहीं मिलेगा। रश्मिका मंदाना ने कहा, ‘‘लेकिन अब मैं यहां हूं। मैं 24 फिल्में कर चुकी हूं और मैं खुद को खुशकिस्मत मानती हूं क्योंकि यहां बहुत सी खूबसूरत महिलाएं हैं और बहुत सी प्रतिभाशाली महिलाएं हैं लेकिन मैं बस अपने सफर पर हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने दर्शकों और अपने शुभचिंतकों के साथ सचमुच जुड़ाव महसूस करती हूं और मैं इसे अपने दिल के करीब रखना चाहती हूं और अपनी फिल्में करती रहना चाहती हूं।’’ अभिनेत्री ने पिछले दो सालों में उत्तर और दक्षिण फिल्म जगत की दो ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम किया है। उन्होंने संदीप रेड्डी वांगा की 2023 की फिल्म ‘एनिमल’ में अभिनेता रणबीर कपूर के साथ अभिनय किया। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की थी।

वहीं, उन्होंने फिल्म ‘पुष्पा 2: द रूल’ में दोबार से लोगों का पसंदीदा किरदार श्रीवल्ली निभाया। इस फिल्म ने दुनिया भर में 1,800 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की। दोनों फिल्म जगत में किसी भी फिल्म को चुनने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ये उनके लिए चुनौतीपूर्ण होता है। रश्मिका मंदाना ने कहा, ‘‘सच बताऊं तो आज अगर दक्षिण और हिंदी के किसी कार्यक्रम में मुझे एक ही समय पर जाना पड़े तो यह मेरे लिए मुश्किल होता है, लेकिन मुझे पता है कि मुझे हर जगह से कितना प्यार मिला है, इसलिए यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं अपनी नींद को ‘बाय बाय’ कहूं और बस यहां जाऊं।’

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