Russia: रूसी राष्ट्रपति पुतिन की आठवीं भारत यात्रा, हर बार भारत-रूस संबंधों और मजबूत हुए

Russia:  रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो दिन की भारत यात्रा दोनों देशों के संबंधों में नए अध्याय का प्रतीक है। इसे रक्षा, परमाणु और ऊर्जा क्षेत्रों में दो दशकों से ज्यादा के मजबूत संबंधों ने आकार दिया है।

रूसी राष्ट्रपति आठवीं बार भारत की यात्रा पर हैं। हर बार उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने वाले अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए। अपनी 2021 की नई दिल्ली यात्रा के दौरान, पुतिन ने विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ व्यापक बातचीत की थी।

उस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने के लिए रक्षा, व्यापार, ऊर्जा, विज्ञान और दूसरे क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। 2018 में पुतिन ने पीएम मोदी के साथ कई बैठकें कीं, प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में शामिल हुए और समझौतों की आदान-प्रदान हुआ।

उन्होंने बच्चों से भी बात की, भारत-रूस व्यापार शिखर सम्मेलन को संबोधित किया और भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। 2016 में राष्ट्रपति पुतिन ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और प्रधानमंत्री मोदी के साथ 17वें भारत-रूस सालाना शिखर सम्मेलन के लिए गोवा का दौरा किया। इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

2014 की यात्रा के दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ 15वें भारत-रूस सालाना शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए ‘द्रुजबा-दोस्ती’ विजन पेश किया गया।

दोनों नेताओं ने ऊर्जा, रक्षा, प्रौद्योगिकी, व्यापार, संस्कृति और वैश्विक रणनीतिक मुद्दों जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। 2012 में पुतिन ने दिल्ली का दौरा किया और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की और प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

उन्होंने यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के साथ भी बातचीत की। भारत और रूस ने 2002 और 2004 में उनकी यात्राओं के दौरान रणनीतिक साझेदारी, अंतरिक्ष सहयोग, ऊर्जा, बैंकिंग और शहर स्तर के सहयोग में प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा मुक्त यात्रा पर भी सहमत हुए। साल 2000 के बाद से पुतिन की भारत की हर यात्रा ने दीर्घकालिक परियोजनाओं को बढ़ावा दिया है और दोनों देशों के बीच ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ को मजबूत किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *