New Delhi: दिल्ली में सुबह यमुना नदी पर धुंध छाई हुई थी और पानी की सतह पर जहरीले सफेद झाग का भयावह मंजर नजर आ रहा था, इस हालात को देखते हुए ‘अर्थ वॉरियर्स’ के जलवायु कार्यकर्ताओं के समूह ने नदी तट पर स्वच्छता अभियान चलाया।
दस्ताने और थैलों से लैस स्वयंसेवकों ने कचरों को उठाया, उन्हें अलग किया और उसका निपटारा किया। ‘अर्थ वॉरियर्स’ का कहना है कि वे प्लास्टिक की बोतलें, पुराने-फेंके हुए कपड़े, धार्मिक अनुष्ठानों में इस्तेमाल होने वाली चीजें और यहां तक कि फेंके गए मेडिकल कचरे को भी इकट्ठा करते हैं।
इसके अलावा वे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के कामकाज पर भी पैनी नजर रखते हैं, स्वयंसेवकों ने अधिकारियों से प्रदूषण के स्रोतों के खिलाफ कार्रवाई बढ़ाने की अपील की, ताकि नदी साफ रहे और उसका किनारा परिवार के साथ घूमने के लिए मूफीद बन सके।
स्वयंसेवकों का कहना है कि वे हर रविवार को इलाके की सफाई करने और यमुना में प्रदूषण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए आते रहेंगे।
अर्थ वॉरियर्स स्वयंसेवक पंकज कुमार ने बताया कि “वॉलिंटियर्स हम लोग करते ये हैं कि जो सॉलिड वेस्ट होते हैं, जैसे कि कपड़े हो गए, प्लास्टिक हो गए, तो उनको हम कलेक्ट करके ऊपर की ओर रखते हैं। फिर एमसीडी वहां से लेकर जाती है। तो हम लोग यहां पे हर संडे तीन से चार घंटे रुकते हैं और जो भी, जितना भी सॉलिड होता है, वो कलेक्ट करते हैं।”
“यहां पर टाइप ऑफ वेल्ट, अलग-अलग तरह का वेस्ट मिलता है, जिसके बारे में हमने कई बार कैंपेनिंग भी की है, आवाज भी उठाई है। आप प्लास्टिक से लेकर मेडिकल वेस्ट तक, हर तरह का वेस्ट यहां पर देख पाएंगे, लेकिन मेज्योरिटी अगर बात करें तो 90 परसेंट प्लास्टिक ही है यहां पर। इसके बाद मेडिकल वेस्ट और पूजा की सामग्री आदि चीजें मिलती हैं हमें यहां। और कई बार हाजार्डस वेस्ट भी मिलता है। वी हैव फाउंड सो मैनी सैनिटरी नैपकिन्स, डायपर्स एंड ऑल। वो हम सेपरेटली इकट्टा करते हैं।”
इसके साथ ही स्वयंसेवक विष्णुदास कर्मी ने कहा कि “पूजा का वेस्ट लोग छोड़ के जाते हैं, चाहे वो प्लास्टिक हो, चाहे मेडिकल वेस्ट हो। बहुत बार मेडिकल वेस्ट भी मिलता है। वो सब सफाई करने का कार्य करते हैं। साथ ही साथ हम अर्थ वॉरियर्स ये कार्य भी करते हैं कि जो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट हैं, वो सही से कार्य कर रहे हैं कि नहीं, उनपर भी हम लोग अपनी नजर रखते हैं और जनता तक उसकी न्यूज पहुंचाते हैं।”