New Delhi: दिल्ली सरकार ने केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से अनुरोध किया है कि वह तय मियाद पूरी कर चुके वाहनों पर हाल ही में लगाए गए ईंधन प्रतिबंध को तत्काल निलंबित करे, साथ ही उसने कहा है कि यह रोक व्यवहारिक नहीं है। एक जुलाई 2025 से लागू हुई इस रोक को लेकर लोगों में काफी नाराजगी दिखी, साथ ही प्रवर्तन प्रौद्योगिकी में कमियां उजागर हो गईं।
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि “हम इसमें भी समाधान ढूंढ रहे हैं कि हम जब कोर्ट पे सीक्यूएएम पर जानकारी दें कि हम पॉल्यूशन कम कर रहे हैं, तब हम ये भी उनसे सुनिश्चित करा सकें कि गाड़ियों की उम्र के हिसाब से नहीं, गाड़ियों के पॉल्यूशन के हिसाब से बैन किया जाए, उनकी ऐज के हिसाब से डिफाइन न किया जाए। अच्छा तो होगा कि जब सारे एनसीआर में लागू हो तभी से दिल्ली में लागू हो, वर्ना पार्शियली इंप्लीमेंट करेंगे वो गुड़गांव में, वो जो आदेश करेंगे मानेंगे लेकिन उसका नुकसान क्या होगा, और दिक्कतें कॉम्प्लेक्स बढ़ जाएंगी।”
ईंधन स्टेशनों पर कर्मचारियों ने प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के फैसले का स्वागत किया। उनका मानना है कि इस फैसले से न सिर्फ वाहन मालिकों को राहत मिलेगी, बल्कि उनके व्यवसाय को भी फायदा होगा।
पेट्रोल पंप के कर्मचारियों ने कहा कि “जब गाड़ियों में पेट्रोल देने के लिए सरकार ने ऑर्डर पास कर दिए हैं तो हम बिल्कुल देंगे। इसमें हमारे लिए क्या है। ये तो हमारे लिए बड़ी खुशी की बात है। हमारी सेल पर भी असर पड़ रहा है। कई लोग इस कदम को बेहतर रख-रखाव वाले वाहनों का इस्तेमाल करने वालों के लिए राहत के रूप में देख रहे हैं। वहीं कुछ लोग बताते हैं कि अचानक लागू किए गए इस कदम से घबराहट पैदा हुई और लोगों की परेशानी बढ़ गई।
ग्राहकों ने कहा कि “यह सही है क्योंकि बहुत सारी गाड़ियों की कंडीशन बहुत सही थी। उसकी गाड़ी बहुत चलने लायक थी तो ये पब्लिक के लिए बहुत सही है। पब्लिक के लिए ये बहुत अच्छी बात है, सरकार ने ये कदम वापस ले लिया।”
“मैंने एक-दो इंसीडेंट देखे कि एक बंदा पेट्रोल भरवाने गया और वहां से उसकी गाड़ी पिकअप कर ली। उसको प्रॉब्लम हो सकती है, अपनी फैमिली के साथ था तो इसके लिए कुछ टाइम देना चाहिए, जो भी डिसीजंस होंगे, पब्लिक एसेप्ट करेंगी उसको।”
वहीं महंगी गाड़ियों के मालिक और पहले ही पूरा टैक्स अदा कर चुके लोग भी तय मियाद पूरी कर चुके वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध को सही नहीं मानते। मेरे हिसाब से तो वैसे रोक लगना ठीक है लेकिन जिनकी लग्जरी गाड़ियां हैं और ये सब चीजें हैं उनके लिए तो थोड़ा बहुत मुश्किल हो जाता है कि इतनी मेहनत से कमाईं गाड़ियां जो उस पर बैन हो जाए। और दूसरा देखा जाए तो पॉल्यूशन के मामले में पॉल्यूशन के हिसाब से तो काफी अच्छा है कि रोक लगी है तो बढ़िया है।”
“ये 20 साल का टैक्स जमा कर लेते हैं पहले ही, ठीक है और तुम 10 साल पहले, पांच साल पहले ही इसको स्क्रैप करवा रहे हो तो भाई ये तो नुकसान ही नुकसान है पब्लिक का, ये तो गलत है।अगर पॉल्यूशन दे रही है, धुआं दे रही है गाड़ी तो जायज बात है कि चलो भाई ठीक है।” दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी इस समस्या को माना और कहा कि उनकी सरकार इस मुद्दे को हल करने के लिए ‘हर संभव प्रयास’ करेगी।