New Delhi: केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने भाषिणी प्रभाग के साथ करार किया, वेबसाइट कई भाषाओं में उपलब्ध होंगी

New Delhi: केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने डिजिटल इंडिया भाषिणी प्रभाग (डीआईबीडी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, इससे मंत्रालय के सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म सभी भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध हो सकेंगे।

भाषिणी एक एआई-संचालित भाषा अनुवाद प्लेटफॉर्म है, जिसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने अपने राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन के तहत विकसित किया है।

इसका मकसद लोगों को विषय-वस्तुओं को अलग-अलग भारतीय भाषाओं में अनूदित करने में मदद पहुंचाना है, केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने एमओयू पर हस्ताक्षर के बाद कहा कि यह कदम भारत की एकता को मजबूत करने में भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि इसके जरिए भाषा से जुड़े तनाव को कम किया जा सकेगा और यह भाषा आधारित विभाजन को भी पाटेगा।

बघेल ने यह भी कहा कि कोई भी राजनेता वोट मांगते समय अंग्रेजी में भाषण नहीं देता, क्योंकि ये समाज के ऊंचे तबके की भाषा है।केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) ने एक बयान में कहा कि ये समझौता ज्ञापन भाषिणी को एमओपीआर के प्लेटफॉर्म और वर्कफ्लो का हिस्सा बनाने के लिए पंचायती राज मंत्रालय और एमईआईटीवाई के डीआईबीडी के बीच साझेदारी स्थापित करता है।

यह समझौता ज्ञापन तीन वर्षों के लिए वैध है और इसमें सफल एकीकरण और बहुभाषी ‘आउटरीच’ के लिए आवश्यक विभिन्न तकनीकी प्रक्रियाओं पर संयुक्त प्रयासों को शामिल किया गया है।

केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने बताया कि “यहां से जो भी आज्ञाएं जाएगी, दिशा-निर्देश जाएंगे, गाइडेंस जाएंगी, बजट जाएगा, ऑडिट होगी अथवा एनुअल रिपोर्ट होगी अथवा पंचायतों के द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायत- ग्राम सभा, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के द्वारा जो यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट आएगा वो सब 22 भाषाओं में समझ सकते हैं, पढ़ सकते हैं और लिख सकते हैं, जिससे भाषा की जो एक बैरियर होता है। मैंने आज एक बड़ी बात कही कि इसके द्वारा भाषाई हीन भावना और सुपीरियरिटी कॉम्प्लेक्स होती है, उसमें कमी आएगी।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *