New Delhi: दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ अभिभावकों का गुस्सा थमने का नाम नहीं रहे रहा है, प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के माता-पिता शिक्षा निदेशालय के बाहर इकट्ठा हुए।
अभिभावकों ने फीस में भारी बढ़ोतरी और उसे न चुका पाने वाले छात्र-छात्राओं के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार के खिलाफ प्रदर्शन किया। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि द्वारका के एक स्कूल ने कई छात्र-छात्राओं को इसलिए प्रवेश देने से मना कर दिया क्योंकि उनके परिजनों ने फीस नहीं भरी।
अभिभावकों का कहना है कि “आप जानते हैं कि स्कूल बच्चों को परेशान कर रहा है, उन्होंने उन बच्चों के नाम काट दिए हैं जिनके अभिभावकों ने स्कूल द्वारा बिना मंजूरी के बढ़ाई गई फीस का भुगतान नहीं किया है, जो कि बहुत ही गलत है। इससे पूरे दिल्ली के अभिभावक गुस्से में हैं। हमें स्कूलों से ऐसी उम्मीद नहीं थी। अगर आपको कोई समस्या है, तो आप इसे अभिभावकों के सामने उठाएं। आप इसे नाबालिगों के सामने न उठाएं। शिक्षा उनका संवैधानिक अधिकार है और आप उनसे ऐसा व्यवहार कर रहे हैं।”
“प्रॉब्लम यही आ रही हैं कि न तो डीओई (शिक्षा विभाग) को कोई एक्शन हो रहा है ना कोर्ट से कोई क्लियर इंस्ट्रक्शन आ रही हैं, स्कूल में बच्चों के साथ डिस्क्रिमिनेशन किया जाता है। अलग-अलग चीजों में उनको मना कर दिया जाता है, उन्हीं चाजों के खिलाफ हम ये प्रोटेस्ट कर रहे हैं और गवर्नमेंट से, कोर्ट से यही है कि ये डिस्क्रिमिनेशन बंद किया जाए इसमें क्लैरिटी लाई जाए और इसको एक्चुअली इंप्लीमेंट करवाया जाए।
अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से फीस स्ट्रक्चर स्पष्ट करने को कहा है। साथ ही उन्होंने मांग की है कि सरकार दिल्ली स्कूल शिक्षा (शुल्क निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक का ड्राफ जारी करे। ताकि स्कूलों में फीस को सही तरीके से रेगुलेट किया जा सके।
रोहिणी के डीपीएस अभिभावकों का कहना है कि “हम शुरू से ही चाहते हैं कि एक रूल आए जिसमें ये स्ट्रक्चर बता दे कि ये आपकी इतनी अप्रूव की हुई फीस है, हम वो देने के लिए तैयार हैं। ये हर बार जो अलग-अलग कर के अमाउंट डालते जा रहे हैं स्कूल वाले बिना अप्रूवल के वो हमें स्वीकार नहीं है।”
“स्कूल की जो हाई फीस है उसके रिगार्डिंग में हमारी दो-तीन डिमांड हैं गवर्नमेंट से, एक तो जो पुरानी फीस बढ़ चुकी है, जिसके लिए हम फाइट कर रहे हैं काफी टाइम से उसका फैसला लिया जाए। जो अप्रूव्ड फीस है हम देने के लिए तैयार हैं, पर उसका फैसला तो गवर्नमेंट लेगी ना कि क्या अप्रूव्ड फीस है? दूसरा जो बिल गवर्नमेंट कह रही है हम ले आए हैं, उसका ड्राफ्ट हमारे साथ शेयर हो। हमें पता रहे कि उस बिल में है क्या? वो हमारे फायदे के लिए है कि नहीं है? हम काफी टाइम से डिमांड कर रहे हैं लेकिन वो ड्राफ्ट अभी तक पब्लिक फोरम में आया नहीं है। तीसरी हमारी डिमांड ये हैं कि जो भी एक्शन स्कूल ले रहा है अगेंस्ट द पेरेंट्स और स्टूडेंट्स जो बढ़ी हुई फीस नहीं दे रहे हैं, अप्रूव्ड फीस दे रहे हैं वो बंद हो।”
इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को द्वारका के एक स्कूल की ओर से फीस का भुगतान नहीं करने पर निकाले गए 32 छात्र-छात्राओं के माता-पिता की याचिका पर सोमवार को फैसला सुरक्षित रख लिया।