New Delhi: ज्ञानेश कुमार ने नए मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला, वह केंद्रीय गृह मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान जम्मू कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद निर्णय को लागू करने में अहम भूमिका निभाई थी।
ज्ञानेश कुमार जनवरी 2024 में सहकारिता मंत्रालय में सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए और मार्च 2024 में उन्हें चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया। उन्हें साथी चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू के साथ एक ही दिन नियुक्त किया गया था और 2024 के लोकसभा चुनाव के वक्त वे आयोग का हिस्सा थे।
ज्ञानेश कुमार निर्वाचन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त हैं। उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक रहेगा, जिसके कुछ दिन बाद निर्वाचन आयोग अगले लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। कानून के मुताबिक मुख्य निर्वाचन आयुक्त 65 साल की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं या फिर छह साल के लिए आयोग में रह सकते हैं, ज्ञानेश कुमार 27 जनवरी, 2029 को 65 साल के हो जाएंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि “राष्ट्र निर्माण के लिए पहला कदम मतदान है। इसलिए भारत का हर नागरिक जो 18 साल या उससे ज्यादा है उसे मतदाता बनना चाहिए और हमेशा मतदान करना चाहिए। संविधान, चुनावी कानूनों, नियमों और उसमें जारी निर्देशों के मुताबिक चुनाव आयोग हमेशा मतदाताओं के साथ था, है और रहेगा।”
कार्यभार संभालने के बाद ज्ञानेश कुमार ने कहा कि “राष्ट्र निर्माण के लिए पहला कदम मतदान है। इसलिए भारत का हर नागरिक जो 18 साल या उससे ज्यादा है उसे मतदाता बनना चाहिए और हमेशा मतदान करना चाहिए। संविधान, चुनावी कानूनों, नियमों और उसमें जारी निर्देशों के मुताबिक चुनाव आयोग हमेशा मतदाताओं के साथ था, है और रहेगा।”