New Delhi: दिल्ली के उप-राज्यपाल वी.के. सक्सेना ने दिल्ली में 12 दिवसीय ट्यूलिप महोत्सव का उद्घाटन किया, उद्घाटन के मौके पर भारत में नीदरलैंड की राजदूत मारिसा जेरार्ड्स ने कहा कि ट्यूलिप डच राष्ट्रीय फूल है, जो दोनों देशों के बीच दोस्ती का प्रतीक है। उप-राज्यपाल सक्सेना ने राजदूत जेरार्ड्स, एनडीएमसी के अध्यक्ष केशव चंद्रा और उपाध्यक्ष कुलजीत चहल के साथ महोत्सव के तीसरे संस्करण का उद्घाटन किया और शांति पथ, चाणक्यपुरी में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का दौरा किया।
एनडीएमसी ने नीदरलैंड से 3.25 लाख ट्यूलिप फूलों को आयात किया है और 2.25 लाख को खुली जगहों पर लगाया है, जिनमें अकेले शांति पथ पर 1.46 लाख ट्यूलिप शामिल हैं। कुछ ट्यूलिप दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के 20 पार्कों में भी लगाए गए हैं।
भारत में नीदरलैंड के राजदूत मारिसा जेरार्ड्स ने कहा कि “मुझे लगता है कि ट्यूलिप रिश्ते के जश्न की तरह हैं क्योंकि हमारे लिए ट्यूलिप राष्ट्रीय फूल जैसा है, जैसे भारत के लिए कमल का फूल है, वैसे ही हमारे लिए ट्यूलिप है। इसलिए ये देखना बहुत प्यारा है कि भारतीयों को ट्यूलिप इतना पसंद है कि हम इसे एक साथ मना सकते हैं। इसलिए ये रिश्ते का अच्छे प्रतीक है। और हमारे बीच बहुत मजबूत संबंध हैं, दोनों देशों के बीच बहुत व्यापार चल रहा है, बहुत सहयोग है, नवाचार, जल प्रबंधन, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा और समुद्री क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण हैं। हमें उम्मीद है कि इस साल जब हमारे प्रधानमंत्रियों की मुलाकात होने वाली है तो हम रिश्ते को मजबूत कर सकते हैं और उसे रणनीतिक स्तर पर ले जा सकते हैं। इन ट्यूलिप का यहां होना, हमारे अच्छे रिश्ते का प्रतीक है और मुझे उम्मीद है कि हम अगले साल फिर से ऐसा कर सकते हैं।”
वहीं उप-राज्यपाल सक्सेना ने कहा, “इस साल करीब तीन लाख 25 हजार ट्यूलिप को इम्पोर्ट किया गया है एनडीएमसी द्वारा। डीडीए ने भी अपने करीब 20 पार्क्स में ट्यूलिप को लगाया है और इस साल जो बेस्ट पार्टी है करीब 15000 ट्यूलिप, जो स्वदेशी ट्यूलिप लगे हैं। जिनको पालमपुर सीएसआईआर ने डेवलप किया है। एम ये है कि हम अगले चार साल में हम ट्यूलिप का इम्पोर्ट को खत्म करके स्वदेशी ट्यूलिप लगाएं और उस दिशा में हम बढ़ रहे हैं। दिल्ली बहुत खूबसूरत सीटी है, उसे और खूबसूरत बनाना है।”
एनडीएमसी ने 2017-18 में पहली बार मौसम का आकलन करने के लिए परीक्षण के तौर पर ट्यूलिप लगाए थे। एक बयान के अनुसार 17,000 ट्यूलिप से शुरू हुई ये पहल दिल्ली में एक वार्षिक पुष्प परंपरा बन गई है। इस बीच एनडीएमसी ने 10,880 बड़े ट्यूलिप का उत्पादन भी किया है, जिन्हें इसी साल लगाया गया है।
बयान में कहा गया है, “इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी यानी सीएसआईआर के सहयोग से हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में 14,735 ट्यूलिप की खेती की गई, जिसका इस फेस्टिवल में उपयोग किया गया।” पहली बार एनडीएमसी ने आम जनता के लिए बिक्री के लिए एक लाख ट्यूलिप रखे हैं। ये ट्यूलिप शांति पथ लॉन, लोधी गार्डन, नेहरू पार्क, तालकटोरा गार्डन, सेंट्रल पार्क और एनडीएमसी नर्सरी में उपलब्ध हैं। इस साल शांति पथ लॉन, कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क, एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर लॉन, लोधी गार्डन, तालकटोरा गार्डन, सरदार पटेल मार्ग, मंडी हाउस, विंडसर प्लेस और शेर शाह सूरी मार्ग सहित नई दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर ट्यूलिप खिले हुए हैं।
भारत में नीदरलैंड के राजदूत मारिसा जेरार्ड्स ने कहा कि “मुझे लगता है कि ट्यूलिप रिश्ते के जश्न की तरह हैं क्योंकि हमारे लिए ट्यूलिप राष्ट्रीय फूल जैसा है, जैसे भारत के लिए कमल का फूल है, वैसे ही हमारे लिए ट्यूलिप है। इसलिए ये देखना बहुत प्यारा है कि भारतीयों को ट्यूलिप इतना पसंद है कि हम इसे एक साथ मना सकते हैं। इसलिए ये रिश्ते का अच्छे प्रतीक है और हमारे बीच बहुत मजबूत संबंध हैं, दोनों देशों के बीच बहुत व्यापार चल रहा है, बहुत सहयोग है, नवाचार, जल प्रबंधन, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा और समुद्री क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण हैं। हमें उम्मीद है कि इस साल जब हमारे प्रधानमंत्रियों की मुलाकात होने वाली है तो हम रिश्ते को मजबूत कर सकते हैं और उसे रणनीतिक स्तर पर ले जा सकते हैं। इन ट्यूलिप का यहां होना, हमारे अच्छे रिश्ते का प्रतीक है और मुझे उम्मीद है कि हम अगले साल फिर से ऐसा कर सकते हैं।”
इसके साथ ही कहा कि उप-राज्यपाल वी.के. सक्सेना ने बताया कि “इस साल करीब तीन लाख 25 हजार ट्यूलिप को इम्पोर्ट किया गया है एनडीएमसी द्वारा। डीडीए ने भी अपने करीब 20 पार्क्स में ट्यूलिप को लगाया है और इस साल जो बेस्ट पार्टी है करीब 15000 ट्यूलिप, जो स्वदेशी ट्यूलिप लगे हैं। जिनको पालमपुर सीएसआईआर ने डेवलप किया है। एम ये है कि हम अगले चार साल में हम ट्यूलिप का इम्पोर्ट को खत्म करके स्वदेशी ट्यूलिप लगाएं और उस दिशा में हम बढ़ रहे हैं। दिल्ली बहुत खूबसूरत सीटी है, उसे और खूबसूरत बनाना है।”
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