New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक रूप से स्वागत किया। श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायक रविवार को तीन दिन के भारत दौरे के लिए दिल्ली पहुंचे। उन्होंने यहां विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ चर्चा की। राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद दिसानायके की ये पहली विदेश यात्रा है।
श्रीलंकाई राष्ट्रपति 15 दिसंबर से 17 दिसंबर तक भारत की राजकीय यात्रा पर हैं। सितंबर में पदभार संभालने के बाद दिसानायके की यह पहली द्विपक्षीय भारत यात्रा है।
वे सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक करेंगे जिसमें व्यापार, निवेश, ऊर्जा और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय भागीदारी को बढ़ावा देने को लेकर चर्चा की उम्मीद है। माना जाता है कि एस. जयशंकर और डोभाल के साथ उनकी चर्चाओं में दोनों पड़ोसी देशों के बीच रणनैतिक संबंधों के विस्तार के तरीकों सहित द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई।
दिसानायके ने ‘X’पोस्ट में कहा, “आज रात आपसी हित के मामलों पर डॉ.एस. जयशंकर और अजीत डोभाल के साथ सार्थक चर्चा हुई।” भारत श्रीलंका में तमिल समुदाय 13वें संशोधन को लागू करने की मांग भी कर रहा है। इसके तहत श्रीलंका में कुछ प्रांतों के लिए शक्तियां ट्रांसफर करने का प्रावधान है, जिसमें कुछ तमिलों के दबदबे वाले प्रांत भी हैं।
13वां संशोधन 1987 के भारत-श्रीलंका समझौते के बाद लाया गया था। माना जा रहा है कि पीएम मोदी और दिसानायके के बीच होने जा रही बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है। इससे पहले रविवार को दिसानायके का दिल्ली हवाईअड्डे पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने स्वागत किया था। श्रीलंकाई नेता ,राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे।
भारत और श्रीलंका के बीच निवेश और वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए दिसानायके का दिल्ली में एक व्यावसायिक कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे। इसके बाद दिसानायके का बोधगया जाने का भी कार्यक्रम है।
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि श्रीलंका हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का निकटतम समुद्री पड़ोसी है और प्रधानमंत्री मोदी के ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के दृष्टिकोण और भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति में एक केंद्रीय स्थान रखता है।
हिंद महासागर में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाने की चीन की कोशिशों पर चिंताओं के बीच भारत श्रीलंका के साथ अपने समग्र रक्षा और रणनैतिक संबंधों का विस्तार कर रहा है।
अगस्त 2022 में हंबनटोटा बंदरगाह पर चीनी मिसाइल और सैटेलाइट ट्रैकिंग जहाज ‘युआन वांग’ की डॉकिंग ने भारत और श्रीलंका के बीच राजनयिक विवाद पैदा कर दिया था। इसके अलावा एक और चीनी युद्धपोत पिछले साल अगस्त में कोलंबो बंदरगाह पर रुका था।