New Delhi: सीरिया से निकाले गए चार भारतीय दिल्ली पहुंचे, सीरिया से सुरक्षित निकालने के लिए सभी ने भारत सरकार का धन्यवाद भी किया, सीरिया से निकाले गए भारतीय नागरिकों ने काउंटी में फंसे रहने के बाद उनकी मदद करने के लिए भारतीय दूतावास की कोशिशों की तारीफ की।
सीरिया से निकाले गए एक भारतीय ने कहा, “दमिश्क में दूतावास के कर्मचारी हमारे साथ सीमा तक आए, जिसके बाद उन्होंने हमें लेबनान में, फिर दोहा में रिसीव किया और आखिर में दिल्ली रवाना करने के लिए इमिग्रेशन में मदद की।”
सीरिया से लौटे एक भारतीय ने कहा कि वहां भारतीय दूतावास लगातार काम कर रहा है, भारत ने सीरिया से अपने सभी नागरिकों को निकाल लिया है, जो विद्रोही बलों द्वारा राष्ट्रपति बशर असद की सरकार का तख्तापलट करने के बाद घर लौटना चाहते थे। विद्रोहियों ने कई प्रमुख शहरों और कस्बों के बाद राजधानी दमिश्क पर भी नियंत्रण कर लिया, जिसके बाद असद सरकार गिर गई थी।
सीरिया से लौटे भारतीय नारायण हरि ने कहा कि सीरिया में स्टील प्लांट में काम करने गए थे। 15-20 दिन पहले गए थे हमें पता नहीं था कि ये सब होने वाला है। उसके बाद में लफड़ा हो गया शुरू तो भारतीय दूतावास ने हमें वहां से निकाल कर कहा कि चलो तुम भारत। हमें वहां से लेकर आए और लेबनान में रखा, लेबनान से दोहा और फिर दोहा से यहां दिल्ली आ गए।”
सीरिया से लौटे भारतियों का कहना है कि “वहां पर हालात बहुत खराब हैं। ऐसी कोई रात नहीं थी जब हमने रॉकेट की आवाज नहीं सुनी हो, गोली-बंदूक की आवाज नहीं सुनी हो। लेकिन हमने दूतावास से संपर्क किया तो दूतावासा हमें सुरक्षित जगह पर लेकर गया, कोई खरता नहीं था, बहुत मदद की हमारी, हमें अच्छे होटल में रखा, खाना अच्छे से खिलाया, हर चीज की सुविधा दी, पैसे से लेकर खाने तक हर चीज दी उन्होंने, किसी चीज की कमी नहीं होने दी। यहां तक कि वहां से यहां तक का उन लोगों ने टिकट भी कराया दो फ्लाइट का- बरूत से दोहा, दोहा से नई दिल्ली का टिकट भी कराया। बहुत-बहुत शुक्रिया अदा करना चाहता हूं अपने दूतावास का, भारत सरकार का।”