New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें शराब बेचने वाली जगहों पर उम्र की जांच के लिए असरदार नियमावली और मजबूत नीति बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि राज्यों की आबकारी नीति में एज लिमिट (उम्र सीमा) का कानून है, जिसके अनुसार तय उम्र से कम के लोगों का शराब पीना या रखना अवैध है, लेकिन शराब की बिक्री वाली जगहों पर खरीदारों की आयु की जांच करने के लिए कोई मजबूत सिस्टम नहीं है।
याचिका में शराब की डोरस्टेप डिलीवरी का भी विरोध किया गया है, जिसमें तर्क दिया गया है कि इससे कम उम्र के लोगों में शराब पीने की आदत बनेगी। ये याचिका न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ की कोर्ट में सुनवाई के लिए आई है।
याचिकाकर्ता एनजीओ ‘कम्यूनिटी अगेंस्ट ड्रंकन ड्राइविंग’ के वकील ने तर्क दिया कि शराब की दुकानों, बार, पब वगैरह पर खरीदारों की उम्र की जांच करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक मजबूत नीति से शराब पीकर गाड़ी चलाने की समस्या को कम करने और रोक लगाने में मदद मिलेगी और साथ ही कम उम्र के लोगों में शराब पीने पर लगाम लगेगी, पीठ ने कहा कि वो याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी कर उसका जवाब मांगेगी।