New Delhi: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राष्ट्रीय राजधानी में पराली जलाने से बचने के लिए खेतों में जैविक रूप से अपघटित (बायो-डिकंपोजर) होने वाले घोल के छिड़काव का अभियान शुरू किया, जिसका मकसद सर्दियों के दौरान प्रदूषण के स्तर को कम करना है।
ये अभियान नरेला विधानसभा क्षेत्र के पल्ला गांव में शुरू किया गया, आम आदमी पार्टी ने कहा कि दिल्ली सरकार सर्दियों के प्रदूषण से छुटकारा पाने के लिए 5,000 एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि पर बायो डि-कंपोजर का छिड़काव करेगी।
इसके लिए 11 टीमें गठित की गई हैं और दिल्ली के सभी बासमती और गैर-बासमती चावल के खेतों में इसका छिड़काव किया जाएगा। सोशल मीडिया मंच पर कहा कि सर्दियों में प्रदूषण कम करने के लिए एएपी सरकार का एक और प्रभावी कदम। आज मंत्री गोपाल राय ने पराली को सड़ाने के लिए बायो डह-कंपोजर मिश्रण के छिड़काव का उद्घाटन किया।
गोपाल के अनुसार दिल्ली सरकार ने इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए एक सरल प्रक्रिया तय की है, जिसके तहत किसानों को इसमें भाग लेने के लिए केवल एक फॉर्म भरना होगा और 841 किसान पहले ही ऐसा कर चुके हैं।
राय ने बताया कि दिल्ली सरकार ने सर्दियों के मौसम में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए 21 सूत्री शीतकालीन कार्य योजना तैयार की है। उन्होंने कृषि विभाग को निर्देश दिए कि वे पंजीकृत किसानों के खेतों में जल्द बायो डि-कंपोजर का छिड़काव सुनिश्चित करे।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सबसे अगली खेती जहां पर किसान पहले धान की रोपाई करके और पहली खेती करता है वो नरेला का क्षेत्र है। इसलिए हर बार हम शुरुआत करने नरेला आते हैं और ये जो शुरुआत यहां से होती है धीरे-धीरे नरेला. बवाना, मुंडका होते हुए नजफगढ़ तक पहुंच जाता है। जिस क्षेत्र में जैसे-जैसे धान की कटाई होती जाएगी, वहां पर बायो डी-कंपोजर का छिड़काव होगा। 11 टीमें इसके लिए बनाई गई है अलग-अलग जिलों और एरिया में। जो पहले इन्होंने सर्वे का काम किया किसानों के पास जाकर कि कौन-कौन बायो डी-कंपोजर का छिड़काव करना चाहता है। अब उन्हीं टीमों के नेतृत्व में धीरे-धीरे पूरे दिल्ली के अंदर लगभग पांच हजार एकड़ जमीन पर बायो डी-कंपोजर का छिड़काव होगा। इससे जो पराली का जो प्रदूषण है, उसको भी हर साल की तरह दिल्ली में हम जीरो कर सके।”