New Delhi: अमेरिका ने 297 प्राचीन कलाकृतियां भारत को वापस सौंपी

New Delhi: अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान 297 कलाकृतियां भारत को सौंपी हैं जिन्हें तस्करी कर देश से बाहर ले जाया गया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सांस्कृतिक संपत्तियों की तस्करी लंबे समय से मुद्दा रहा है, प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा कि “सांस्कृतिक जुड़ाव को गहराते और सांस्कृतिक संपत्तियों की अवैध तस्करी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करते हुए। मैं भारत को 297 अमूल्य कलाकृतियां लौटाने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन और अमेरिकी सरकार का बहुत आभारी हूं।”

बयान के मुताबिक मोदी ने इन कलाकृतियों को लौटाने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह वस्तुएं न केवल भारत की ऐतिहासिक संस्कृति का हिस्सा हैं बल्कि इसकी सभ्यता और चेतना का आधार भी हैं। अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही भारत की ओर से 2014 से अब तक बरामद प्राचीन वस्तुओं की कुल संख्या 640 हो गई हैं। अकेले अमेरिका ने 578 वस्तुएं लौटाई हैं। ये किसी देश की तरफ से भारत को लौटाई गई सबसे ज्यादा सांस्कृतिक कलाकृतियां हैं।

भारत को लौटाई गईं कुछ कलाकृतियों में 10वीं और 11वीं शताब्दी ईसा पूर्व की मध्य भारत की बलुआ पत्थर से बनी एक ‘अप्सरा’, 15-16वीं शताब्दी ईसा पूर्व में कांस्य से बनी जैन तीर्थंकर, तीसरी-चौथी शताब्दी ईसा पूर्व का पूर्वी भारत का टेराकोटा का फूलदान और पहली शताब्दी ईसा पूर्व की दक्षिण भारत की पत्थर की बनी मूर्ति शामिल हैं। दूसरी प्रमुख कलाकृतियों में 17-18वीं शताब्दी की दक्षिण भारत के कांसे की भगवान गणेश की मूर्ति, 15-16वीं सदी के उत्तर भारत के बलुआ पत्थर की भगवान बुद्ध की प्रतिमा और 17-18वीं सदी के पूर्वी भारत के कांसे की भगवान विष्णु की प्रतिमा शामिल हैं।

इससे पहले भी मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान भारत को कलाकृतियां लौटाई गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि मोदी की 2021 में अमेरिकी यात्रा के दौरान अमेरिकी सरकार ने 157 कलाकृतियां लौटाईं थी, जिनमें 12वीं शताब्दी ईसा पूर्व की नटराज की कांसे की प्रतिमा शामिल थी, 2023 में पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के कुछ दिन बाद भारत को 105 कलाकृतियां लौटाई गई थीं।

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