New delhi: दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र यानी आईजीएनसीए में ऐतिहासिक बुक लॉन्चिंग इवेंट का आयोजन हुआ, जिसमें गुप्त सम्राज्य पर लिखी किताब ‘ट्रेजर्स ऑफ द गुप्ता एम्पायर’ का विमोचन किया गया। इस किताब के लेखक संजीव कुमार है। जिन्होंने व्यापक रिसर्च करके इस किताब को लिखा है, किताब भारत के सबसे ऐतिहासिक और प्रभावशाली कालों में से एक रहे गुप्त सम्राज्य को लेकर कई रोचक बातें समझाने का वादा करती है।
इस पुस्तक को पीएम मोदी सहित कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय इतिहासकारों और विद्वानों के जरिए सराहना मिल चुकी है। बड़ी लंबी रिसर्च और वैज्ञानिक विश्लेषण के बाद ये किताब गुप्त साम्राज्य (चौथी से छठी शताब्दी ईस्वी) के बारे में कई अनदेखे पहलुओं को उजागर करती है। किताब के लेखक संजीव कुमार ने इस किताब में इतिहास से जुड़े कई पहलुओं को भी समझाया है और भारत के स्वर्णिम युग कहे जाने वाले गुप्त काल के समृद्ध अतीत की कहानी को पेश किया है।
आईजीएनसीए में किताब के विमोचन के दौरान कई विद्वान और इतिहासकार मौजूद रहे। कार्यक्रम में गुप्त साम्राज्य के दुर्लभ सिक्कों की प्रदर्शनी भी शामिल रही। जिसने उस काल के गौरवशाली इतिहास को सालों से आज के भारत से जोड़कर रखा है। संजीव कुमार की ‘ट्रेजर्स ऑफ द गुप्ता एम्पायर’ पुस्तक केवल एक ऐतिहासिक विवरण नहीं है, बल्कि ये गुप्तकालीन इतिहास की हमारी समझ को दोबारा से परिभाषित करने वाली एक ऐतिहासिक और अहम किताब है।
किताब में सम्राट समुद्रगुप्त, चंद्रगुप्त, कुमारगुप्त और स्कंदगुप्त जैसे शक्तिशाली शासकों के कई ऐसे पहलुओं को भी दिखाया गया है जो पहले से चली आ रही ऐतिहासिक धारणाओं को भी चुनौती देता है। पुस्तक ‘ट्रेजर्स ऑफ द गुप्ता एम्पायर’ के लेखक संजीव कुमार शिवली ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। वे रॉयल एशियाटिक सोसाइटी ऑफ ग्रेट ब्रिटेन के फेलो और स्वतंत्र रिसर्चर और मुद्राशास्त्री भी हैं। जिन्होंने अपना जीवन गुप्त साम्राज्य के इतिहास और सिक्कों के अध्ययन के लिए समर्पित कर दिया है, वे नॉर्थवेस्ट इंडियाना के हिंदू मंदिर के ट्रस्टी भी हैं।
संजीव कुमार को उनके व्यापक कार्य “ट्रेजर्स ऑफ द गुप्ता एम्पायर” के लिए जाना जाता है, जिसे गुप्त सिक्कों की स्टडी में सबसे अहम योगदानों में से एक माना जाता है। ये किताब गुप्त साम्राज्य के समृद्ध इतिहास, प्रतीकात्मकता, व्यापार मार्गों, भंडारों, खोज स्थलों, माप-पद्धति और धातु विश्लेषण के साथ-साथ 6,400 से ज्यादा सिक्कों की एक पूरी सूची की गहन खोज प्रस्तुत करती है। पिछले कुछ सालों के दौरान संजीव कुमार ने गुप्त सिक्कों को बहुत ही सावधानीपूर्वक सूचीबद्ध किया है, जो इस ऐतिहासिक काल को समझने में अहम योगदान देती है। किताब में रंगीन चित्रों के जरिए गुप्त कालीन सिक्कों को भी बहुत ही खूबसूरती से दिखाया गया है।
यह पुस्तक “ट्रेजर्स ऑफ द गुप्ता एम्पायर” आर्कियोप्रेस यूके की तरफ से प्रकाशित की गई है। गुप्त राजवंश के सिक्कों की एक व्यापक मार्गदर्शिका और सूची, जो उस युग के व्यापक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संदर्भ की खोज करती है। कार्यक्रम में आईजीएनसीए के अध्यक्ष और सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी, नेशनल म्यूजियम के महानिदेशक डॉ. बी. आर. मणि, लखनऊ यूनिवर्सिटी के एमेरिटस प्रोफेसर के. के थपलियाल, एएसआई दिल्ली के एडिशनल डायरेक्टर जनरल डॉ. संजय कुमार मंजुल सहित कई गणमान्य अतिथि और विद्वान लोग मौजूद रहे।
ट्रेजर्स ऑफ द गुप्ता एम्पायर के लेखक संजीव कुमार ने कहा कि किताब मेरे फादर के लिए कॉफी बनाओ सुबह सुबह और पूरे दिन कॉफी पिलाते रहो और वो हिस्ट्री की स्टडी करते रहें मास्टर्स के लिए लेकिन उस टाइम में बोर हो रहा था, तो जो ट्रंक होते हैं ना जिसमें कंबल शंबल होते हैं, तो वो कंबल को खोलकर बोला कि बेटा ये आपके फादर का पुराना कॉइन कलेक्शन है। तुम इसको देखो और स्टडी करो। तो उस समर में पूरा समर उन्हीं कॉइन कलेक्शन को स्टडी करता रहा और उससे मेरे को बहुत इंट्रेस्ट हुआ। यह मेरे फादर का पुराना कलेक्शन था लेकिन जाहिर तौर पर उसमें मैंने काफी एड किया है, ये उस तरह से स्टार्ट हुई।