New Delhi: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साइबर सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा का जरूरी हिस्सा बताते हुए कहा कि साइबर सुरक्षा तय किए बिना देश का विकास संभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि साइबर अपराध की कोई सीमा नहीं है और इसलिए ये जरूरी है कि इससे जुड़े सभी खतरे से निपटने के लिए एक सामूहिक कोशिश हो।
गृह मंत्री शाह ने दिल्ली में भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आईफोरसी) के स्थापना दिवस समारोह में कहा कि “साइबर सुरक्षा के बगैर देश का विकास इस समय में असंभव है। मैं मानता हूं कि साइबर सुरक्षा केवल डिजिटल दुनिया तक ही सीमित नहीं है, साइबर सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अहम पहलू बन गया है, जिसके बगैर राष्ट्रीय सुरक्षा करना असंभव है।”
उन्होंने आगे कहा कि “इसलिए आईफोरसी जैसे प्लेटफॉर्म बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं। साइबर कमांडो सुरक्षा का शुभारंभ हुआ है। पांच साल में 5,000 साइबर कमांडो को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है और समन्वय प्लेटफॉर्म भी बहुत उपयोगी रहने वाला है।”
साइबरस्पेस को सुरक्षित बनाने के संबंध में उन्होंने कहा कि दुनिया का 46 फीसदी डिजिटल लेनदेन भारत में हो रहा है, शाह ने देश में साइबर अपराध से लड़ने के लिए आईफोरसी के तहत चार प्लेटफार्मों का भी उद्घाटन किया। आईफोरसी की स्थापना 2018 में गृह मंत्रालय के तहत की गई थी, इसका मकसद देश में साइबर अपराधों से जुड़े मुद्दों के हल के लिए राष्ट्रीय स्तर का समन्वय केंद्र स्थापित करना है।
मंत्री अमित शाह ने कहा कि “साइबर सुरक्षा के बगैर देश का विकास इस समय में असंभव है। मैं मानता हूं कि साइबर सुरक्षा केवल डिजिटल दुनिया तक ही सीमित नहीं है, साइबर सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अहम पहलू बन गया है। जिसके बगैर राष्ट्रीय सुरक्षा करना असंभव है, इसलिए आईफोरसी जैसे प्लेटफॉर्म बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं। साइबर कमांडो सुरक्षा का शुभारंभ हुआ है। पांच साल में 5,000 साइबर कमांडो को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है और समन्वय प्लेटफॉर्म भी बहुत उपयोगी रहने वाला है।”