New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने सीईसी यानी सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी की सिफारिशों को मान लिया है, इन सिफारिशों में कस्टमाइज्ड मॉड्यूल बनाना भी शामिल है, इस मॉड्यूल में पेड़ों की कटाई की जरूरत वाले प्रोजेक्टों की डिटेल, काटे जाने वाले या दूसरी जगह लगाए जाने वाले पेड़ों की संख्या और राष्ट्रीय राजधानी में घटते ग्रीन कवर की भरपाई के लिए पेड़ लगाना शामिल होगा।
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में ग्रीन कवर को बढ़ाने और इसके लिए मैकेनिज्म बनाने से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहा था।सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी रिपोर्ट में, सीईसी ने एक मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम मॉड्यूल बनाने की सिफारिश की है। इस पर प्रोजेक्टों के संचालकों की तरफ से रेगुलर बेसिस पर डेटा अपलोड किया जाएगा ताकि दिल्ली रिज से जुड़े मुद्दों पर कोर्ट की तरफ से पारित आदेशों को सही और वक्त पर लागू करना सुनिश्चित किया जा सके।
सीईसी की सिफारिशों को मानते हुए, बेंच ने पैनल को उन सभी आवेदकों या प्रोजेक्ट के संचालकों को नोटिस भेजने की इजाजत दे दी, जिन्हें पहले पेड़ों की कटाई की अनुमति दी गई थी और उनसे तीन महीने के भीतर एमआईएस पर अनुपालन डेटा अपलोड करने को कहा गया था। बेंच ने चेतावनी दी कि अगर कोर्ट को भरोसा हो गया कि प्रोजेक्ट प्रस्तावक तीन महीने के भीतर अनुपालन संबंधी आंकड़े अपलोड करने में नाकाम रहे हैं तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी।