New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को यह बताने का निर्देश दिया है कि क्या राजधानी के रिज एरिया में पेड़ों को काटने का आदेश एलजी की मौखिक अनुमति के आधार पर पारित किया गया था या एजेंसी ने खुद ही ये फैसला लिया था।
सुप्रीम कोर्ट, सड़क चौड़ीकरण परियोजना के लिए रिज फॉरेस्ट में 1,100 पेड़ों की कथित कटाई को लेकर डीडीए के उपाध्यक्ष के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर अवमानना कार्यवाही की सुनवाई कर रहा था।
जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने कहा कि पेड़ों की कटाई की अनुमति देने में दिल्ली के उप-राज्यपाल ने पूरी तरह से विवेक का इस्तेमाल नहीं किया है। बेंच ने कहा कि उन्हें सुनवाई के पहले दिन ही ये बता दिया जाना चाहिए था कि उप-राज्यपाल ने पहले ही पेड़ों की कटाई के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिज एरिया में पेड़ों की कटाई में दिल्ली सरकार भी समान रूप से दोषी है और उसे 422 पेड़ों को काटने की अवैध अनुमति देने का दोष स्वीकार करना चाहिए, सुप्रीम कोर्ट ने एएपी सरकार से कहा कि वो पेड़ों की इस अवैध कटाई की भरपाई के लिए कोई मैकेनिज्म बनाए।