New Delhi: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं, इसका मकसद पुणे के सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय में दो साल के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की राष्ट्रीय टेलीमेंटल स्वास्थ्य हेल्पलाइन, टेली मानस की स्पेशल सेल को ऑपरेट करने में दोनों मंत्रालयों के बीच सहयोग को बेहतर बनाना है।
इस एमओयू पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की अपर सचिव और प्रबंध निदेशक आराधना पटनायक और सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने हस्ताक्षर किए।
स्पेशल टेली-मानस सेल की शुरूआत एक दिसंबर, 2023 को पुणे के सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सीनियर अधिकारियों की मौजूदगी में किया था।
भारतीय सेना के सामने आने वाले खास तरह के तनाव की पहचान करते हुए, सशस्त्र बलों में टेली-मेंटल हेल्थ सर्विसेज की जरूरत महसूस की गई है। इसलिए ऑपरेशनल माहौल, सांस्कृतिक चुनौतियों और क्षेत्रीय संघर्षों से जुड़े खास तनाव सशस्त्र बलों में मेंटल हेल्थ केयर के लिए खास अप्रोच की जरूरत है। एमओयू पर हस्ताक्षर करने से, सशस्त्र बलों के कर्मियों और उनके परिवारों की मेंटल हेल्थ और बेहतर देखभाल को सुनिश्चित किया जाएगा। इससे सशस्त्र बलों के लाभार्थियों की खास देखभाल हो सकेगी और मेंटल हेल्थ को लेकर उनकी खास तरह की जरूरतों का तुरंत और बेहतर तरीके से समाधान हो सकेगा।
इस मौके पर सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने कहा कि सशस्त्र बल कर्मियों के लिए मेंटल हेल्थ कंसल्टेशन की लंबे वक्त से जरूरत महसूस की जा रही है। उनके मुताबिक अब टेली मानस सेल से सशस्त्र बल कर्मियों और उनके परिवारों को चौबीसों घंटे बेहतर मेंटल हेल्थ मदद उपलब्ध होगी।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की अपर सचिव और प्रबंध निदेशक आराधना पटनायक ने सशस्त्र बलों की खास मेंटल हेल्थ जरूरतों पर ध्यान देने की अहमियत पर जोर दिया। टेली मानस डिस्ट्रिक्ट मेंटल हेल्थ प्रोग्राम (डीएमएचपी) का डिजिटल विस्तार है जो चौबीसों घंटे टेली-मेंटल हेल्थ सर्विसेज देता है।