New Delhi: सरकारी कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) अपने गैस बिजनेस और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्लीन एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए नए इलाकों में तेजी से आगे बढ़ने के लिए नई यूनिट लगाना चाहती है। फर्म ने कहा कि उसे स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में पिछले महीने गैस बिजनेस और क्लीन एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए पूरी तरह मालिकाना हक रखने वाली सबसिडरी कंपनी बनाने के लिए पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रालय से मंजूरी मिली है।
ओएनजीसी की तरफ से कहा गया है कि कंपनी का प्रस्तावित नाम ‘ओएनजीसी ग्रीन लिमिटेड’ है जो भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की मंजूरी के अधीन है। कंपनी बोर्ड ने मंगलवार को हुई बैठक में ग्रीन एनर्जी और गैस बिजनेस के लिए पूरी तरह मालिकाना हक रखने वाली सहायक कंपनी बनाने को मंजूरी दे दी। ओएनजीसी ने कहा कि मालिकाना हक रखने वाली ये सहायक कंपनी ग्रीन हाइड्रोजन, हाइड्रोजन ब्लेंडर, रिन्यूएबल एनर्जी (सोलर, विंड और हाइब्रिड), बायो फ्यूल्स/ बायोगैस बिजनेस और एलएनजी जैसे एनर्जी बिजनेस की वैल्यू चेन के लिए होगी।
देश के सबसे बड़े ऑयल और गैस प्रोड्यूसर ने अपनी डीकार्बोनाइजेशन स्ट्रैटजी के हिस्से के रूप में 10 गीगावॉट कैपेसिटी वाली रिन्यूएबल एनर्जी और 2035 तक दो मिलियन टन ग्रीन अमोनिया एनुअल प्रोडक्शन कैपेसिटी के लिए एक लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है, ओएनजीसी ने फरवरी 2021 में एलएनजी आयात और गैस व्यापार के लिए एक अलग यूनिट का प्रस्ताव रखा था।