New Delhi: दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वो सरकारी आवास का आवंटन रद्द करने को चुनौती देने वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा की याचिका पर चार जनवरी को सुनवाई करेगा। हाई कोर्ट ने कहा है कि महुआ मोइत्रा के निष्कासन के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लंबित है। ऐसे में हाई कोर्ट इस पर फिलहाल सुनवाई नहीं कर सकता।
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई स्थगित की और सुनवाई के लिए चार जनवरी की तारीख तय की। मोइत्रा के वकील ने अदालत से संपदा निदेशालय को याचिका पर चार जनवरी से पहले जवाब दाखिल करने का निर्देश देने का अनुरोध किया, लेकिन कोर्ट ने कहा कि वो अगली तारीख पर ही इस याचिका पर सुनवाई करेगा।
याचिका में अनुरोध किया गया है कि संपदा निदेशालय के 11 दिसंबर के आदेश को रद्द किया जाए और मोइत्रा को 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने तक आवास का कब्जा वापस दिया जाए। मोइत्रा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पिनाकी मिश्रा ने कहा कि याचिकाकर्ता केवल 31 मई 2024 तक सरकारी आवास का कब्जा वापस देने का अनुरोध कर रही हैं।
संपदा निदेशालय की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा और केंद्र सरकार के स्थायी वकील अनुराग अहलुवालिया पेश हुए। मोइत्रा को कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से कथित तौर पर गिफ्ट लेने के बदले में सवाल पूछने और उनके साथ संसद वेबसाइट की ‘लॉग इन’ आईडी और ‘पासवर्ड’ शेयर करने के लिए अनैतिक आचरण का दोषी ठहराया गया था और आठ दिसंबर 2023 को लोकसभा की उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी। उन्होंने अपने निष्कासन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर तीन जनवरी 2024 को सुनवाई करेगा।