Mock Drill: दिल्ली सरकार ने नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल के दौरान क्या करें या क्या ना करें इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन, ब्लैकआउट और निकासी अभ्यास के दौरान नागरिकों के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे हवाई हमले के सायरन की आवाज को पहचानें, इसमें अलर्ट के लिए लंबी आवाज़ और सब कुछ ठीक होने के लिए छोटी आवाज शामिल है। अलर्ट का सायरन बजने पर, बेसमेंट सुरक्षित क्षेत्रों और निकटतम शेल्टर होम तक पहुंचे। मुश्किल वक्त में टॉर्च, आपातकालीन किट और पानी की बोतलें जैसी अन्य चीज़ें तैयार रखें।
देशव्यापी मॉक ड्रिल के हिस्से के रूप में, दिल्ली में सात मई को शाम 4 बजे 55 जगहों पर “ऑपरेशन अभ्यास” होगा। हवाई हमलों, आग की आपात स्थितियों और बचाव के तरीकों को बताया जाएगा।
रक्षा विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) हेमंत महाजन ने बताया कि “मॉक ड्रिल क्या है? मूल रूप से जब युद्ध छिड़ जाता है तो दुश्मन, इस मामले में पाकिस्तान हम पर हवाई जहाज, मिसाइल या ड्रोन की मदद से हमला कर सकता है। नागरिक क्षेत्रों को वायु रक्षा प्रणालियों से सुरक्षित नहीं किया जाता है। वायु रक्षा प्रणालियां केवल महत्वपूर्ण मैदानों या गोला-बारूद डिपो या हवाई अड्डों जैसे क्षेत्रों की रक्षा करती हैं। इसलिए जब किसी शहर में हमला होता है, तो हथियारों की गलत फायरिंग आदि के कारण कुछ क्षेत्र क्षतिग्रस्त हो सकते हैं, इसलिए नागरिकों को सुरक्षात्मक उपाय करके खुद को बचाना पड़ता है।”
आम लोगों को सायरन बजने के बाद तुरंत बाहरी गतिविधियों को रोकना चाहिए। आपातकालीन लाइनों को फ्री रखने के लिए फ़ोन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। मुश्किल वक्त में मोटे पर्दे का उपयोग करने, लाइट बंद करने और परिवार के साथ घर पर पूर्ण ब्लैकआउट अभ्यास करने जैसे ब्लैकआउट उपायों को लागू करने की भी सलाह दी जाती है।
दिल्ली सरकार के एक दस्तावेज़ के अनुसार, निवासियों को सलाह दी जाती है कि वह सभी प्रकाश स्रोतों को बंद कर दें या ढक दें जिसमें टीवी, फ़ोन और टैबलेट शामिल हैं। यह सुनिश्चित करें कि ब्लैकआउट के दौरान बाहर से कोई रोशनी दिखाई न दे। इस सबके अलावा अधिकारी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को छिपाएंगे, जबकि नागरिकों को संदिग्ध गतिविधि की सूचना देनी चाहिए, प्रतिबंधित क्षेत्रों से बचना चाहिए और सोशल मीडिया पर ड्रिल के संवेदनशील विवरण या फ़ोटो पोस्ट करने से बचना चाहिए।
रक्षा विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) हेमंत महाजन ने बताया कि “जैसे ही सायरन बजता है, इसका मतलब है कि दुश्मन का कोई विमान या कोई मिसाइल या कोई ड्रोन आने वाला है। इसलिए आप जहां भी हों, बिल्डिंग से नीचे उतरें और पार्किंग में या नीचे के इलाकों में शरण लें, ताकि अगर शीशे टूटें या कोई और हमला हो या कोई नुकसान हो, तो लोगों को चोट न लगे। जब तक अगला सायरन न बज जाए, तब तक आप नीचे उतर जाएं। बिल्डिंग के लिए अलग-अलग प्लान होंगे, इलाकों के लिए अलग-अलग प्लान होंगे।”
सामुदायिक प्रशिक्षण सत्रों में बच्चों को आपातकालीन प्रतिक्रियाएं सिखाई जाएंगी, जैसे कि नीचे झुकना, अपने सिर को ढकना, सुरक्षित स्थानों की पहचान करना और बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा। आम लोगों से अपील की गई है कि मॉक ड्रिल में वे सक्रिय रूप से भाग लें, प्रशिक्षक के निर्देशों का पालन करें और अभ्यास के हर चरण में बच्चों और बुजुर्गों को शामिल करें।
मुश्किल वक्त में आपातकालीन संपर्क, नाश्ते और पानी जैसी आवश्यक चीज़ों के साथ एक गो-बैग तैयार करने की सलाह भी एक्सपर्ट देते हैं, पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने देश में सात मई को मॉक ड्रिल के निर्देश दिए हैं। इसके तहत सात मई को राजधानी दिल्ली समेत देश के कई शहरों और जिलों में मॉक ड्रिल कराई जाएगी।