Delhi: दिल्ली में ग्रैप नियम लागू होने के दौरान पुलिस की सख्ती इस बात से देखी जा सकती है कि सिर्फ 50 दिन में वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) ना होने पर 2.66 लाख से ज्यादा गाड़ियों पर 266 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।
15 अक्टूबर से नौ दिसंबर के बीच, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ग्रैप के सभी चार चरणों में 2,66,000 से ज्यादा वाहनों पर चालान जारी किए। स्पेशल सीपी ट्रैफिक अजय चौधरी ने कहा, ”ग्रैप नियम, जो 15 अक्टूबर से नौ दिसंबर तक लगाया गया था, इस दौरान दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 266 करोड़ रुपये के 2,66,000 से ज्यादा वाहनों के चालान काटे. ये रकम 2023 में काटे गए चालान से ज्यादा है। पिछले साल 2023 में, हमने पूरे साल में 2,32,000 वाहनों पर चालान जारी किए थे।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए और सीएक्यूएम और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक पुलिस ने सभी सीमाओं पर सघन चेकिंग की और इस दौरान हमने बिना पीयूसीसी के चलने वाले वाहनों के चालान काटे। दिल्ली की वायु गुणवत्ता 17 नवंबर को खतरनाक स्तर पर पहुंच गई थी जब एक्यूआई 450 तक पहुंच गया था, जो इस साल पहली बार गंभीर-प्लस श्रेणी में एक्यूआई दर्ज किया गया।
जवाब में, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने स्थिति को स्टेज IV प्रतिबंधों तक बढ़ा दिया, जो कि जीआरएपी के तहत कार्रवाई का सबसे सख्त स्तर है।
स्पेशल सीपी अजय चौधरी ने कहा कि “यह हमने जबसे ग्रैप लागू हुआ, 15 अक्टूबर से लेकर नौ दिसंबर तक इस अवधि में हमने 266 करोड़ जुर्माना लगाया और दो लाख 66 हजार वाहनों का चालान किया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा है। अगर हम इसकी पिछले वर्ष से तुलना करें तो हमने पिछले साल दो लाख 32 हजार गाड़ियों का चालान पूरी साल के दौरान किया था। लेकिन प्रदूषण की बढ़ती हुई गंभीरता को देखते हुए दिल्ली की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सीएक्यूएम और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार ग्रैप लागू होने के बाद से पूरी क्षमता से पूरे शहर के अंदर और पूरे तमाम बॉर्डर्स पर हम लोगों ने सघन चेकिंग करते हुए जो गाड़ियां बिना पीयूसी चल रही थीं वैसी 2 लाख 66 हजार से ज्यादा गाड़ियों का चालान किया गया है।”