Delhi Zoo: दिल्ली चिड़ियाघर में जानवरों को गर्मी से बचाने के लिए किए गए खास इंतजाम

Delhi Zoo: बढ़ती गर्मी का आलम ये है कि दिल्ली चिड़ियाघर में हाथी ज्यादातर समय ऐसे ही पानी छिड़कते रहते हैं। गेंडे भी अपने बाड़े में बने तालाब से निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। कुछ ऐसा ही हाल इन बत्तखों का भी है। ये भी यूं ही अठखेलियां करती रहती हैं। दिल्ली चिड़ियाघर में बने तालाबों में इस वक्त सबसे ज्यादा जानवर नजर आ रहे हैं। चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए इन सभी को पानी इन दिनों खूब रास आ रहा है।

जानवरों को गर्मी से बचाने के लिए उनके बाड़ों में कूलर और मैदान में स्प्रिंकलर लगाए गए हैं। इतना ही नहीं, चिड़ियाघर के पशु-पक्षियों को गर्मियों के हिसाब से उनके खाने पीने का भी इंतजाम किया गया है। चिड़ियाघर में पशु चिकित्सकों की टीम सतर्क है। ये टीम जानवरों की सेहत और उनके व्यवहार पर बारीकी से नजर रख रही है। हाल के दिनों में बादल छाए रहने और बारिश से कुछ राहत मिली है, लेकिन गर्मी और उमस से अब भी हाल बुरा है। बावजूद इसके दिल्ली चिड़ियाघर घूमने आने वालों की भीड़ लगातार जारी है। यहां आने वाले लोग भी जानवरों की खास देखभाल के लिए यहां के कर्मचारियों की कोशिशों की तारीफ कर रहे हैं।

दिल्ली चिड़ियाघर के निदेशक संजीत कुमार ने कहा, “जो हमारे कार्निवोरस हैं, जो हमारे भालू हैं, जो हमारे प्राइमेट्स हैं, इनमें बहुत ज्यादा जरूरत होती है कि वो अपने आपको रिहाइड्रेटेड रख सकें और उनका जो आसपास का वातावरण है, वो ठंडा रख सकें। जो हमारे नाइट सेल हैं, जिनमें कि रात में जानवर रहते हैं, उसमें कूलर की व्यवस्था की जाती है, हमारे हर नाइट सेल और बहुत सारे जो उनके क्रॉल हैं उनमें भी एक या दो कूलर पर एनिमल लगाया जाता है।”

उन्होंने कहा, “मार्च के बाद से तापमान में वृद्धि शुरू हो गई और हमारे ग्रीष्मकालीन प्रबंधन प्रोटोकॉल मार्च या अप्रैल के अंत से लागू होते हैं। मूल रूप से हम अभ्यास में अलग-अलग हस्तक्षेपों को बदल रहे हैं, जो हमने सर्दियों में अपनाए थे। सबसे पहले, सर्दियों में आहार में मुख्य रूप से उच्च प्रोटीन होता है, साथ ही वसा युक्त आहार भी होता है, जिसे हम कम वसा और अधिक पानी युक्त आहार में बदल देते हैं।”

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