Delhi Pollution: घने कोहरे में लिपटी दिल्ली में सांस लेने में दिक्कत, सांस लेने में दिक्कत

Delhi Pollution: आज लगातार तीसरे दिन दिल्ली प्रदूषण की चपेट में रही। प्रदूषण का स्तर चिंताजनक रूप से 488 के उच्च स्तर ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी में बना हुआ है। रियल टाइम डेटा देने वाले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समीर ऐप के मुताबिक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स सुबह नौ बजे 488 रहा, इससे राष्ट्रीय राजधानी लगातार तीसरे दिन ‘ज्यादा गंभीर’ वायु प्रदूषण कैटेगरी में रही।

दिल्ली के 32 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 31 ने एक्यूआई का स्तर 480 से ज्यादा दर्ज किया। दो स्टेशनों, अलीपुर और सोनिया विहार में ये अधिकतम 500 रहा। सीपीसीबी सिर्फ 500 तक ही एक्यूआई स्तर दिखा सकता है। अगर प्रदूषण इस सीमा से ज्यादा हो जाता है, तो जहरीली हवा का सटीक स्तर तय नहीं रहता।

दिल्ली के आनंद विहार इलाके में एक्यूआई 496 होने पर लोगों ने सेहत पर दिख रहे कई असर को लेकर शिकायत की। इसमें आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और लगातार खांसी आना शामिल है।घूमने के लिए दिल्ली आए सैलानियों को यहां और अपने शहर की एयर क्वालिटी में खास फर्क दिख रहा है, कुतुब मीनार देखने पहुंचे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सैलानियों का कहना है कि लगातार बढ़ते एक्यूआई ने उनका मजा किरकिरा कर दिया
है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, हर दिन शाम चार बजे दर्ज किया जाने वाला शहर का 24 घंटे का एक्यूआई सोमवार को 494 रहा। ये पिछले छह साल में सबसे खराब है। रविवार को ये 441 दर्ज किया गया था। दिल्ली में कुल 39 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 15 ने एयर क्वालिटी 500 दर्ज की, दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को पहली बार ‘ ज्यादा गंभीर’ कैटेगरी में पहुंच गई। इसके बाद सोमवार को ग्रैप यानी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चौथे चरण के तहत कड़े प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करना पड़ा।

इन उपायों में जरूरी सामानों को ले जाने वाले या क्लीन फ्यूल का इस्तेमाल करने वाले ट्रकों को छोड़कर दूसरे सभी ट्रकों की दिल्ली में एंट्री पर रोक, निर्माण और तोड़-फोड गतिविधियों पर प्रतिबंध और स्कूलों को बंद करना शामिल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि “पॉल्यूशन के चक्कर में सभी को दिक्कत हो रही है,आंखों में जलन जैसे कि ड्राइव करने में कुछ दिखता ही नहीं है एकदम। पहले जैसा मौसम रहा ही नहीं।”

“हमको अभी देखना है तो अभी आ गए। मगर के पॉल्यूशन बहुत ज्यादा है। इससे सांस की तकलीफ हो रही है और थोड़ा सा गले को भी प्रॉब्लम हो रहा है। पॉल्यूशन को कंट्रोल के लिए सरकार को कुछ जल्दी से जल्दी एक्शन लेना चाहिए ऐसा हमारा सोच है।”

इसके साथ ही कहा कि “यहां घूम के हमें बहुत अच्छा लगा लेकिन बहुत प्रदूषण हैं। लेकिन हमारे साथ बुर्जुग आदमी है जिन को खाली सब ये देखना था उनकी वजह से हमको रुकना पड़ा और वो ट्रेफिक भी सब देखकर बहुत हमें नहीं अच्छा लगा। क्योंकि हमें ज्यादा ट्रेफिक का और प्रदूषण का आदत नहीं है। प्रदूषण ने तो बहुत परेशान किया। मतलब सांस लेने में उनको तकलीफ हो रही थी अभी ठीक हैं।”

 

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