Delhi pollution: दिल्ली की वायु गुणवत्ता तेजी से खराब हो रही है, हालात इतने ज्यादा खराब हैं कि लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है, धुंध और प्रदूषण की मोटी चादर लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। सुबह सात बजे जहांगीरपुरी में एक्यूआई 459 था, जबकि बवाना में ये 456 था। वजीरपुर में एक्यूआई 455 और आनंद विहार में एक्यूआई 441 रिपोर्ट किया गया, अक्षरधाम मंदिर समेत दिल्ली की कई इमारतें धुंधली नजर आईं।
दिल्ली की एयर क्वालिटी लगातार खराब होने की वजह से कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। गुरुवार देर रात से ये लागू हो गए हैं। मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की वजह सभी प्राइमरी स्कूलों में ऑनलाइन क्लास होगी। छात्र-छात्राओं को स्कूल नहीं जाना होगा। अगले निर्देश तक दिल्ली के प्राइमरी स्कूलों में ऑनलाइन क्लास चलेंगी।
केंद्रीय प्रदूषण निगरानी संस्था सीएक्यूएम ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप थ्री के प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि “पॉल्यूशन सही में हैवक क्रिएट कर रहा है और मॉर्निंग वॉकर्स के लिए और ज्यादा प्रॉब्लम है। अगर दिल्ली से 100 किलोमीटर बाहर चले जाओ तो वहां पर कोई पॉल्यूशन नहीं है। ये पॉल्यूशन दिल्ली में ही है और ये साल भर रहता है। मुझे लगता है कि इसका गाड़ियों से कोई लेना-देना नहीं है। ये है कुछ और जो सरकार को देखना चाहिए।”
“पॉल्यूशन की वजह से ये भी हो रहा है कि हम थोड़ा सा भी चल रहे हैं हमारे अस्थमा के जैसा हमें लग रहा है। लंग्स में प्रॉब्लम हो रही है और उसकी वजह से बहुत सारी डाइजेस्टिव प्रॉब्लम भी साथ में आ रहा है। क्योंकि हवा पूरी अंदर जा नहीं रही है। तो अटैक वैसे ही लग रहा है जैसे कि कोविड के टाइम का अटैक था।”
“सरकार को कुछ प्रभावी करना चाहिए। जैसे पंजाब वगैरह का पराली की समस्या जो है तो उसको समाधान कीजिए, जैसे भी समाधान करना है समाधान कीजिए मैनेजेबल तरीके से और पटाखों वगैरह की जो समस्या है, आप उसको खत्म कीजिए न। सुप्रीम कोर्ट ने बोला है न पटाखों को आप किसी एक धर्म से नहीं जोड़ सकते। आप एक ही दिन क्यों दिवाली के दिन ही बैन करते हैं, इंडस्ट्रीज बैन कर दो न। इससे जुड़े लोगों को एक विकल्प देना चाहिए।”