Delhi Police: दिल्ली पुलिस ने देश के नए आपराधिक कानूनों की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने के लिए भारत मंडपम में जन जागरूकता प्रदर्शनी शुरू की है। प्रदर्शनी में लोगों को भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम से परिचित कराया जाता है।
प्रदर्शनी में नौ विषयों को शामिल किया गया है, इन्हें एक इंटरैक्टिव वॉकथ्रू के रूप में पेश किया गया है, जो किसी आपराधिक मामले के अलग-अलग चरणों को बताता है, इसमें शिकायत दर्ज करने से लेकर जांच, अभियोजन, परीक्षण और अपील तक शामिल हैं।
इस कार्यक्रम का मकसद देश में आपराधिक न्याय प्रक्रिया में सुधार के लिए शुरू किए गए प्रमुख सुधारों और तकनीकी प्रगति की जानकारी देना है, अपराध शाखा की प्रदर्शनी एक जुलाई को शुरू हुई है, प्रदर्शनी छह जुलाई तक चलेगी।
दिल्ली पुलिस डीसीपी (क्राइम) विक्रम सिंह ने कहा कि “जो नए आपराधिक कानून हैं, उनकी स्वर्णिम वर्ष के रूप में एक प्रदर्शनी की गई है। इसमें जो हमारी न्याय प्रणाली है, उसके अलग-अलग जो अंग हैं, उनको अच्छे से यहां दिखा रखा है। तो इसमें आप देखेंगे कि ये पुलिस कंट्रोल रूम है, क्राइम टीम है, पुलिस स्टेशन है, हॉस्पिटल है, फोरेंसिक लेबोरेट्री है, एग्जेक्यूशन डिपार्टमेंट है, कोर्ट है। इसके अलावा तिहाड़ जेल है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस का अचीवमेंट है। सबको यहां प्रदर्शनी के हिसाब से दिखाया हुआ है। उसके हिसाब से कानून में क्या-क्या प्रोविजन है, उसका क्या बेनिफिट्स है, उसको बता रखा है।”
इसका साथ ही बायलोजी डिवीजन के उप-निदेशक डॉ. इंद्रेश कुमार मिश्रा ने बताया कि “नए कानून में हमारे जो डीएनए फिंगर प्रिंटिंग का बहुत ही ज्यादा क्रूशियल एविडेंस होता है। डीएनए फिंगर प्रिंटिंग सबसे ज्यादा, मोस्ट सोफिस्टिकेटेड टेक्नोलॉजी है। इसका उपयोग हम करते हैं। हमारे पास बहुत सारे, डिफरेंट तरह के इन्स्ट्रूमेंट्स होते हैं। हाईली एडवांस्ड टेक्निक्स हैं।”