Delhi NCR: हालिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि प्रदूषित हवा में सांस लेना रोजाना कई सिगरेट पीने के बराबर है। ये दावा अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी बर्कले की एक रिसर्च के आधार पर किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि हवा में प्रदूषण के उच्च स्तर की वजह से लोगों को प्रति दिन 20 से ज्यादा सिगरेट पीने के बराबर नुकसान हो रहा है।
दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ. भारत गोपाल ने कहा कि “यह करीब 15 साल पहले की बात है। बर्कले अर्थ के वैज्ञानिक रिचर्ड और एलिजाबेथ मुलर, जो बाप-बेटी हैं, उन्होंने वायु प्रदूषकों के नमूनों का अध्ययन करने के बाद नतीजा निकाला था कि एक सिगरेट बराबर 22 माइक्रोग्राम प्रति मिलीमीटर है। इसे संक्षेप में कहें, तो यदि एक दिन में औसतन 500 एक्यूआई है, तो ये लगभग 25 सिगरेट के बराबर है। उनके डेटा के आधार पर समतुल्यता तैयार की गई थी।
आप इसे बिल्कुल धुएं के समानांतर नहीं कर सकते, क्योंकि जब इतना ज्यादा वायु प्रदूषण होता है तो हवा में प्रदूषक अलग-अलग होते हैं। जब आप सिगरेट पीते हैं तो उनके प्रभाव उन कणों से अलग होते हैं जो आपके अंदर जाते हैं।”
डॉक्टरों के मुताबिक सिगरेट के धुएं और हवा में प्रदूषण, दोनों में हानिकारक पदार्थ होते हैं, जो फेफड़ों के टिश्यूज को नुकसान पहुंचाते हैं। सिगरेट या तम्बाकू के धुएं से कार्सिनोजेन और दूसरे जहरीले पदार्थ निकलते हैं, जबकि प्रदूषित हवा में सांस लेने से दिल और सांस से जुडी बीमारी हो सकती हैं।
ज्यादातर डॉक्टर यही मानते हैं कि प्रदूषित वायु में सांस लेना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है, इस तरह के माहौल में सांस लेने से स्वस्थ लोगों के भी दिल और फेफड़ों के काम करने पर असर पड़ सकता है। डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट ये भी बताते हैं कि इस तरह की दिक्कतों से बचाव के लिए तत्काल उपायों की दरकार है जिससे ये प्रदूषण किसी की जान पर भारी न पड़े।