Delhi Floods: पुरानी दिल्ली रेलवे पुल पर सुबह नौ बजे यमुना का जलस्तर 207.47 मीटर दर्ज किया गया। वहीं आस-पास के इलाकों और राहत शिविरों में यमुना के बाढ़ का पानी अभी भी भरा हुआ है। सुबह छह से सात बजे के बीच 207.48 मीटर जलस्तर पर ठहराव बना हुआ था। बेला रोड और सिविल लाइंस के आसपास के लोगों ने बताया कि वे लगभग एक हफ्ते से भीषण जलभराव का सामना कर रहे हैं।
मयूर विहार में बाढ़ प्रभावित परिवारों ने अस्थायी शिविरों में शरण ली है, लेकिन बाढ़ का पानी उन शिविरों में भी आ गया। बाढ़ में राहत कार्यों में हिस्सा ले रहे स्वयंसेवकों ने कहा कि प्रशासन भोजन और पानी उपलब्ध करा रहा है, लेकिन शिविरों में रहने वाले लोगों का आरोप है कि आपदा के मुकाबले राहत की कोशिशें पर्याप्त नहीं हैं।
सब्जी बेचने वालों जैसे रोजाना कमाने-खाने वाले श्रमिकों ने कहा कि बाढ़ आने के बाद उनकी कमाई ठप हो गई, इसलिए उन्हें सरकारी सहायता दी जाए। गीता कॉलोनी में श्मशान घाट बाढ़ के पानी में डूबा है, कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने साल 2023 की बाढ़ से भी कोई सबक नहीं सीखा।
बाढ़ के पानी ने दिल्ली के सबसे पुराने और भीड़ भरे निगमबोध श्मशान घाट को भी पानी में डूबो दिया है, जिससे वहाँ शवदाह के काम ठप हो गए हैं। इस श्मशान घाट में शवदाह के लिए 42 चबूतरे हैं और यहां रोजाना लगभग 55 से 60 शवों की अंत्येष्टी की जाती है।
मदनपुर खादर में बाढ़ से विस्थापित हुए परिवार लगभग एक महीने से अस्थायी आश्रयगृहों में रह रहे हैं और बाढ़ के पानी के कम होने का इंतजार कर रहे हैं। यमुना के करीब होने के कारण कश्मीरी गेट दिल्ली के सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में से एक है, यहां भारी जलभराव बना हुआ है, जिससे वाहनों की आवाजाही धीमी हो गई है।
सिविल लाइंस में चंदगी राम अखाड़ा के पास भारी जलभराव के कारण यातायात में काफी दिक्कतें आ रही हैं। शहर का सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ओखला बैराज से पानी के बहाव की निगरानी के लिए उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है।
अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली से बाढ़ के पानी की निकासी के लिए पानी के अधिक बहाव की ज़रूरत है। अधिकारी के मुताबिक बढ़ा प्रभावित 8,018 लोगों को तंबुओं में भेजा गया है, जबकि 2,030 लोगों को 13 स्थायी आश्रय स्थलों में पहुँचाया गया है। बाढ़ के हालात को देखते हुए सरकार ने लोगों से परेशान न होने की अपील की है और भरोसा दिया है कि स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही है।