Delhi Election 2025: दिल्ली के बीचों बीच है स्वामी श्रद्धानंद मार्ग, जीबी रोड के नाम से मशहूर ये जगह कभी गार्स्टीन बैशन रोड कहलाती थी। भीड़ भरी उपेक्षित जगह एक सदी से ज्यादा समय से रेड लाइट इलाका है। लगभग अंधेरी, पतली गलियों और उनसे लगे टूटे-फूटे घर हताशा और निराशा के बीच अस्तित्व की जंग के चश्मदीद हैं। यहां यौन कारोबार चलता है। यौन कर्मियों की किस्मत में सिर्फ दर्द, गरीबी और उपेक्षा है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, लेकिन चुनाव को लेकर जीबी रोड के यौन कर्मियों में कोई उत्साह नहीं। उन्हें शिकायत है कि हर चुनाव से पहले वादे तो किए जाते हैं, पर चुनाव के बाद भुला दिए जाते हैं। अंग्रेजों के समय जीबी रोड हार्डवेयर और मशीन कारोबार का गढ़ था। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के नजदीक पड़ने वाली जगह धीरे-धीरे यौन व्यापार का केंद्र बनती गई।
इस सड़क पर करीब 74 वेश्यालयों में सैकड़ों महिलाएं रहती हैं। कई को तस्करी करके लाया गया है तो कई जबरदस्ती यौन कारोबार में धकेली गई हैं। वे गंदे, तंग, बिना वेंटिलेशन वाले कमरों में रहने को मजबूर हैं। उनके लिए स्वास्थ्य सुविधाएं दूर की कौड़ी हैं। ज्यादातर महिलाएं यौन संबंधी और दिमागी बीमारियों की शिकार हैं। जीबी रोड के दुकानदारों के लिए व्यापार करना भारी चुनौती है।
खास कर महिलाएं और बच्चे यहां आने से कतराते हैं। ग्राहकों की कमी आय में कमी की वजह बन जाती है। दुकानदारों की आस पुराने, नियमित और थोक खरीदारों पर ही टिकी रहती है। कम खरीदारों की वजह अराजकता, सुरक्षा और बुनियादी सुविधा का अभाव भी है। रेड लाइट इलाके का साया यहां की दुकानों पर पड़ रहा है। दुकानदार कथित कलंक भरे इलाके में व्यापार के सीमित मौकों से बाहर नहीं निकल पा रहे। शिकायतों के बावजूद यौन कर्मियों को उम्मीद है कि इस बार का चुनाव उनकी जिंदगी में सार्थक बदलाव लाएगा।