Delhi Blast: दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास इन्हीं सड़कों पर 10 नवंबर को बदहवासी और तबाही का मंजर छाया हुआ था। एक घातक विस्फोट में 13 लोगों की जान चली गई थी।
करीब हफ्ते भर बंद रहने के बाद, बेशक लाजपत राय मार्केट खुल गया, लेकिन व्यापारियों और आम लोगों में अब भी डर समाया हुआ है। कई व्यापारियों ने फिर से उन समस्याओं की याद दिलाई, जो लंबे समय से लंबित हैं। खास कर सड़क के दोनों ओर अवैध पार्किंग, जिससे बेवजह ट्रैफिक बढ़ती है और असुरक्षा बढ़ाती है।
इलेक्ट्रॉनिक दुकान का मालिक और एसोसियेशन का सदस्य अरुण ने बताया कि “देखो जी, जिस टाइम ब्लास्ट हुआ, मैं यहीं बैठा हुआ था और उस वक्त ऐसा लगा, जैसे हमारे जो दुकान के ऊपर जो लेंटर हैं, सारे गिर रहे हैं। इतना जबरदस्त ब्लास्ट था कि हम लोग समझ ही नहीं पाए। थोड़ी सी प्रशासन के तरफ से भी कमी हमें पहले भी फेस करनी पड़ी थी कि अनॉथराइज्ड पार्किंग जो सड़क पर लगी हुई है ना, उसका बहुत बड़ा रोल है इसमें। जब ब्लास्ट हुआ तो उसके बाद गाड़ियां बिल्कुल रुकी पड़ी थीं।”
विस्फोट के बाद बाजार बंद कर दिए गए थे। ये पहले ही नुकसान झेल रहे दुकानदारों पर एक और मार थी। अब वे सरकार और प्रशासन से बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
मोबाइल मरम्मत दुकान के मालिक कुशाल चावला ने कहा कि “जब यह धमाका हुआ ना, हम खुद परेशान थे कि हुआ क्या? अचानक में। और जितने दिन ये मार्केट बंद रहा, हमारा लॉस ही लॉस है। हमारी रेंट की दुकानें हैं। हमारा भी रेंट होता है। डेली का 1200-1300 रुपया हमारा भी रेंट है। हमारा भी नुकसान है। हमारे कस्टमर खराब हुए। डेली की सेल-परचेज होती है। हमारा बहुत नुकसान हुआ है इसमें, लेकिन हमारे नुकसान से ज्यादा दुख हमें इस चीज का है कि जो बेचारे, जो पांच-सात लोग, 10 लोग जो मरे हैं, बता रहे हैं, उनका बड़ा दुख है हमारे को। और कितने घायल हुए हैं। उनका बड़ा हमारे को अफसोस हुआ है इस चीज का। हम इसलिए थोड़ा सा दुख में हैं अभी भी। और अभी भी डर रहे हैं बाहर जाते हुए भी हमारे को डर लग रहा है।”
वहां 10 नवंबर की शाम ताकतवर कार विस्फोट हुआ था, उसके कुछ घंटे पहले फरीदाबाद में एक कश्मीरी डॉक्टर के किराए के घर से 360 किलो संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट और हथियारों का जखीरा बरामद किया गया था, कार विस्फोट में रिक्शा और टैक्सी ड्राइवरों समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे।