Delhi: दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर वायु प्रदूषण के मुद्दे पर उनके दोहरे बयान और लापरवाही को लेकर कड़ा प्रहार किया है। एलजी ने कहा कि दिल्ली में आज जो आपातकाल जैसे हालात बने हैं, उसके लिए केजरीवाल और उनकी सरकार की 11 साल की अनदेखी और निष्क्रियता जिम्मेदार है।
एलजी ने अपने पत्र में केजरीवाल से हुई पुरानी बातचीत का जिक्र करते हुए लिखा कि केजरीवाल ने कहा था- “यह हर साल होता है, 15-20 दिन मीडिया और एक्टिविस्ट शोर मचाते हैं, फिर सब भूल जाते हैं, आप भी ज्यादा ध्यान मत दीजिए। एलजी ने इसे जनता के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर उदासीनता बताया।
सड़कें, धूल और प्रदूषण पर बड़ा आरोप
एलजी ने कहा कि वर्षों से टूटी सड़कों, गड्ढों और धूल के कारण PM-10 और PM-2.5 का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ा। मेट्रो फेज-4, RRTS और ई-बसों जैसी योजनाओं को सिर्फ राजनीतिक कारणों से रोका गया, जिससे प्रदूषण कम करने के प्रयास प्रभावित हुए।
यमुना, नाले और जलभराव का मुद्दा
सक्सेना ने कहा कि 11 साल में यमुना की सफाई सिर्फ दावों तक सीमित रही। नालों और सीवर लाइनों की सफाई न होने से 80-90% तक जाम की स्थिति बनी और हर साल दिल्ली जलभराव से जूझती रही।
पानी और विकास पर भी निशाना
एलजी ने कहा कि दिल्ली अपनी जरूरत के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है, फिर भी 58% पानी ट्रांसमिशन में ही बर्बाद हो जाता है। वजीराबाद जलाशय 96% तक गाद से भर चुका है, लेकिन इसके लिए हरियाणा और यूपी को दोष दिया गया।
राजनीतिक शुचिता पर सवाल
एलजी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने न तो नियमित कैबिनेट बैठकें कीं, न ही CAG रिपोर्ट सदन में रखी. 500 नए स्कूलों और अस्पतालों के वादे पूरे नहीं किए गए, जबकि हजारों करोड़ रुपये विज्ञापनों पर खर्च कर दिए गए।
एलजी का पत्र के माध्यम से संदेश
एलजी सक्सेना ने लिखा कि वे यह पत्र जनता को सच्चाई बताने के लिए लिख रहे हैं, क्योंकि लोकतंत्र में जनता ही अंतिम न्यायाधीश होती है। उन्होंने कहा कि चुनावी हार के बावजूद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने सबक नहीं लिया और आज भी छोटी राजनीति में उलझी हुई है।