Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) को निर्देश दिया है कि वह पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल के चुनावों की अधिसूचना 10 दिनों के अंदर जारी करे और 31 दिसंबर 2025 तक चुनाव पूरे करे। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमल्या बागची की बेंच ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के चुनाव 31 जनवरी 2026 तक कराए जाएं और मतदाताओं की असली शिकायतों को दूर किया जाए।
यह आदेश तब आया जब कोर्ट को बताया गया कि पंजाब और हरियाणा में अभी तक चुनावों की अधिसूचना जारी नहीं हुई है, जबकि उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची ऑनलाइन जारी नहीं की गई है। बीसीआई के चेयरमैन और वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि नियमों के अनुसार चुनाव की अधिसूचना और मतदान के बीच 180 दिन का समय जरूरी होता है, जिससे थोड़ी दिक्कत हो सकती है।
इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने मिश्रा को निर्देश दिया कि राज्यों में चुनावों की निगरानी के लिए एक कमेटी बनाई जाए, जिसकी अध्यक्षता किसी सेवानिवृत्त हाईकोर्ट जज को सौंपी जाए। मिश्रा ने बताया कि ऐसी कमेटी पहले से मौजूद है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में चुनाव कराने के लिए बीसीआई एक अलग पैनल बनाए, जो किसी सेवानिवृत्त हाईकोर्ट जज की निगरानी में काम करे। कोर्ट ने कहा कि कोशिश की जाए कि चुनाव 31 दिसंबर 2025 तक हो जाएं, और अगर कोई दिक्कत आती है तो बाद में उसका समाधान किया जा सकता है।
बेंच ने कहा, “काफी समय से बार काउंसिल के चुनाव नहीं हुए हैं, लेकिन अब बीसीआई ने चुनाव कराने पर सहमति जताई है। हमें अपनी लोकतांत्रिक संस्थाओं पर भरोसा रखना चाहिए कि वे निष्पक्ष चुनाव करा सकती हैं।” वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हूडा ने कोर्ट को बताया कि नियमों के अनुसार वर्तमान बीसीआई की अवधि सात साल से ज्यादा नहीं हो सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 24 सितंबर को कहा था कि सभी राज्य बार काउंसिल के चुनाव 31 जनवरी 2026 तक पूरे हो जाने चाहिए, और एलएलबी सर्टिफिकेट की जांच को चुनाव टालने का कारण नहीं बनाया जा सकता।
कोर्ट उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था जिनमें बार काउंसिल ऑफ इंडिया के 2015 के नियमों को चुनौती दी गई थी, जिनके तहत बीसीआई राज्य बार काउंसिल सदस्यों का कार्यकाल कानून में तय सीमा से आगे बढ़ा सकता है।