Delhi: वज़ीराबाद और हथिनीकुंड बैराजों से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण, दिल्ली में यमुना नदी इस साल पहली बार 206 मीटर के निकासी स्तर को पार कर गई है। बढ़ता पानी कई निचले इलाकों में घुस गया है, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
जिले के अधिकारियों ने भी संवेदनशील इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया है और बाढ़ग्रस्त इलाकों में रहने वालों से जगह बदलने की अपील की है। मयूर विहार के निचले इलाके, यमुना खादर में, बाढ़ का पानी पहले ही कई घरों में घुस चुका है। इससे कई परिवारों को अस्थाई तौर पर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ रही है।
नियमों के मुताबिक नदी के निकासी स्तर को पार करने पर, ज़िला अधिकारी अस्थायी आश्रयों, तंबुओं और भोजन व पानी की आवश्यक आपूर्ति की व्यवस्था करते हैं। हरियाणा से रिकॉर्ड मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण, दिल्ली हाई अलर्ट पर हैं। दिल्ली के छह ज़िलों के निचले इलाकों में लगभग 15,000 लोग रहते हैं, जबकि बाढ़ वाले इलाकों में तकरीबन पांच हजार लोग रहते हैं।
दिल्ली- बाढ़ से प्रभावित मदनपुर खादर गांव..#DelhiRains #RainAlert #HeavyRainfall #MadanpurKhadar pic.twitter.com/GnqE65Kb2r
— Tikhee Mirchi (@tikhee_mirchi) September 3, 2025