Delhi: एक तरफ मानसूनी बारिश की वजह से दिल्ली आबोहवा साफ हो रही है तो वहीं यमुना नदी कुछ और ही कहानी बयां करती है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की एक हालिया रिपोर्ट में नदी में प्रदूषण के खतरनाक स्तर का खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक यमुना नदी में फेकल कोलीफॉर्म में मात्रा अब 4000 गुना से भी ज्यादा बढ़ गई है। जो कि नदी के जल में सीवेज की मात्रा को दर्शाता है। इसके अलावा नदी के पानी में बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड यानि बीओडी जैसा जैविक प्रदूषण भी तेजी से बढ़ा है
हालांकि कुछ एनजीओ यमुना की सफाई के काम में तन मन धन से जुटे हैं, ऐसा ही एक एनजीओ है अर्थ वॉरियर्स जो रोजाना यमुना के किनारों की साफ सफाई करता है, और लोगों से यमुना में किसी भी तरह के अपशिष्ट पदार्थों को ना डालने की अपील भी करता है, उनका कहना है जल प्रदूषण जैव विविधता को तो नुकसान पहुंचाता ही है साथ ही नदी का प्राकृतिक प्रवाह भी बाधित करता है।
एनजीओ के वॉलंटियर्स का कहना है कि वे लोगो में जागरूकता बढ़ाने के लिए यमुना के किनारे रोजाना सफाई अभियान चला रहे हैं। दरअसल दिल्ली में 22 बड़े नाले सीधे यमुना नदी में गिरते हैं, जिसकी वजह से शहर में नदी सबसे ज्यादा प्रदूषित हुई है। हालांकि अब एक्सपर्ट और कार्यकर्ता हालात को और बिगड़ने से रोकने के लिए सरकार और लोगों से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं।