Delhi: दिल्ली में बहने वाली यमुना नदी की बिगड़ती हालत को देखते हुए एक सामाजिक संस्था (NGO) ने इसकी सफाई का बीड़ा उठाया है। 27 अप्रैल को ‘मेरी यमुना, मेरा कर्तव्य’ अभियान के तहत इस NGO ने 400 स्वयंसेवकों के साथ मिलकर ITO के पास स्थित छठ घाट पर सफाई अभियान चलाया। इस दौरान घाट पर जमा प्लास्टिक, कचरा और अन्य अपशिष्ट सामग्रियों को साफ किया गया।
NGO का उद्देश्य सिर्फ नदी की सतही सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मुहिम हर महीने नियमित रूप से चलाई जाएगी। इसके अंतर्गत यमुना के किनारों पर वृक्षारोपण भी किया जाएगा, जिससे न सिर्फ नदी की सुंदरता बढ़ेगी बल्कि प्रदूषण पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा। वृक्षों की जड़ें भूमि को मजबूती देती हैं और नदी में मिट्टी के कटाव को रोकती हैं, जिससे जल की गुणवत्ता में भी सुधार आता है। इस अभियान में शामिल स्वयंसेवकों ने दिल्ली के आम नागरिकों से अपील की है कि वे भी यमुना को साफ और स्वच्छ बनाने के इस प्रयास में सहभागी बनें। उन्होंने कहा कि यमुना केवल एक नदी नहीं, बल्कि दिल्ली और पूरे उत्तर भारत की सांस्कृतिक और आस्था की धरोहर है। इसे बचाने की जिम्मेदारी हर नागरिक की है।
NGO के प्रवक्ता के अनुसार, आगामी महीनों में स्कूलों, कॉलेजों और कॉर्पोरेट संगठनों के साथ मिलकर जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे। इसके अलावा, नदी के किनारों पर कचरा फेंकने पर रोक लगाने के लिए स्थानीय प्रशासन से सहयोग मांगा जाएगा। यह अभियान न सिर्फ यमुना को साफ करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि यह यह भी दिखाता है कि जब समाज साथ आता है, तो पर्यावरण जैसे बड़े मसलों का हल भी निकाला जा सकता है।