Delhi: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि विकसित भारत के निर्माण में पूर्वोत्तर क्षेत्र का योगदान सबसे महत्वपूर्ण होगा। स्टूडेंट एक्सपीरियंस इन इंटर-स्टेट लिविंग (SEIL) की ओर से आयोजित पूर्वोत्तर छात्र एवं युवा संसद को संबोधित करते हुए उन्होंने ये भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार पूर्वोत्तर के विकास, एकता और शांति के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के दिल के बहुत करीब है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर को केंद्र सरकार के हर कार्यक्रम का केंद्र बिंदु बनाया है। विकसित भारत के निर्माण में पूर्वोत्तर का योगदान सबसे महत्वपूर्ण होगा।” गृह मंत्री ने पर्यटन के नजरिए से वैश्विक ध्यान आकर्षित करने के लिए इस क्षेत्र की अपार क्षमता पर प्रकाश डाला।
उन्होंने पूर्वोत्तर के युवाओं की भारत में सबसे अधिक आईक्यू होने के लिए भी तारीफ की और कहा कि ये क्षेत्र कुछ सबसे मेहनती जनजातियों का घर है। शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर विविधताओं से भरा क्षेत्र है, जिसमें 220 से अधिक आदिवासी समूह, 160 जनजातियां, 200 बोलियां और भाषाएं, 50 अनोखे त्यौहार और 30 से अधिक विश्व प्रसिद्ध नृत्य शैलियां हैं।
उन्होंने इस बात को माना कि अपनी कई अनूठी खूबियों के बावजूद पूर्वोत्तर विकास में पिछड़ गया क्योंकि उस समय उग्रवाद और अलगाववाद को अलग-अलग तरीके से भ्रम और विवाद पैदा करके बढ़ावा दिया गया था। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हिंसा, बंद, ड्रग्स, नाकाबंदी और क्षेत्रवाद ने इस क्षेत्र को बर्बाद किया है, जिससे न केवल पूर्वोत्तर और देश के बाकी हिस्सों के बीच बल्कि क्षेत्र के भीतर राज्यों के बीच भी विभाजन पैदा हुआ।
उन्होंने कहा कि इसके नतीजे पूर्वोत्तर को विकास में 40 साल की देरी का सामना करना पड़ा। इस दौरान आतंकवाद और अलगाववादी समूह विकास में मुख्य बाधा रहे। गृह मंत्री ने कहा कि जब भी बीजेपी सत्ता में आई, उसने हमेशा पूर्वोत्तर को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि पहले इतने बड़े और अविकसित क्षेत्र के लिए कोई अलग मंत्रालय नहीं था, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने इसकी स्थापना की थी।