Delhi: दिल्ली के भलस्वा गांव के पास कूड़े का बड़ा पहाड़ है, जो कई सालों से इस इलाके की सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है। MCD चुनावों के वक्त इसे हटाने के वादे किए गए थे जो अब तक अधूरे हैं। कूड़े के बदबूदार पहाड़ की वजह से यहां के लोगों को सेहत संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
कूड़े का पहाड़ न केवल निवासियों के घरों पर बल्कि उनकी उम्मीदों पर भी ग्रहण लगा रहा है। भलस्वा गांव में रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। लोगों को रोजाना इन सब दिक्कतों से जूझना पड़ता है
चुनाव के बाद कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाए जाने की वजह से वो लोग ज्यादा परेशान हैं जिनके घरों पर पहले लैंडफिल का हिस्सा गिर चुका है। भलस्वा में बच्चे भी कूड़े के पहाड़ की छाया में बड़े होते हैं। इतना ही नहीं कूड़े और टूटे शीशे से भरे खतरनाक क्षेत्रों में खेलना भी उनकी मजबूरी है।
उनके खेलने के लिए सुरक्षित जगह या बच्चों के पार्क जैसी बुनियादी चीज़ आस-पास कहीं नहीं है। पर्यावरणविदों ने लैंडफिल से स्थानीय समुदाय और बड़े पैमाने पर शहर दोनों के लिए बढ़ते खतरों के बारे में चेतावनी दी है।
उनका कहना है कि जब तक नियमों का पूरी तरह पालन नहीं किया जाता तब तक यह संकट अनसुलझा ही रहेगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव करीब आने से भलस्वा में रहने वाले लोगों को एक बार फिर से कूड़े के पहाड़ से निजात मिलने की उम्मीद है
फिलहाल, भलस्वा के निवासी साफ हवा, सुरक्षित घरों और उपेक्षा के बोझ से मुक्त भविष्य का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।