Delhi: इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में आयुष मंत्रालय की खास पेशकश

Delhi: दिल्ली में चल रहे इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में इस साल आयुष मंडप की पेशकश कुछ खास है। इसे आयुष मंत्रालय ने लगाया है, मंडप की थीम ‘वन हेल्थ’ रखी गई है। इसमें भारतीय आयुर्वेद के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। खास कर इंसानों, जानवरों, पेड़-पौधों और ईकोलॉजिक सिस्टम के बीच आपसी रिश्ते बताए गए हैं।

विजिटर “दादी से पूछो” पहल में पारंपरिक इलाज के जानकारों से मुफ्त जांच और निजी जीवनशैली से जुड़ी सलाह ले सकते हैं। इंटरैक्टिव प्रकृति और मिजाज परीक्षण कियोस्क के जरिये कोई भी शख्स अपने शरीर की जरूरतों का पता लगा सकता है। इसके लिए अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लिया जाता है।

भारत की समृद्ध आयुर्वेदिक विरासत को 39 स्टॉलों में दिखाया गया है। विजिटर आयुष आहार में आयुर्वेदिक सिद्धांतों पर आधारित सेहतमंद खाने का भी आनंद ले सकते हैं। अलग-अलग पकवानों के लिए क्यूआर कोड स्कैन करने की सुविधा है।

मंडप में इंटरैक्टिव गेम भी हैं, जो बच्चों और युवाओं में सेहतमंद खाना की आदत को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किए गए हैं। मंडप में विजिटरों को आयुर्वेदिक दवाएं और हर्बल पौधे खरीदते और सेहतमंद खाना का लुत्फ उठाते देखा गयाट्रेड फेयर के पहले पांच दिन व्यापारिक गतिविधियों के लिए आरक्षित हैं। आम लोग ट्रेड फेयर में 19 नवंबर से 27 नवंबर तक जा सकते हैं।

सीसीआरएच होम्योपैथी के रिसर्च ऑफिसर डॉ. सुनीति चुघ ने बताया कि “आप जानते हैं कि आयुष प्रणालियां पूरे भारत और दुनिया भर में लोकप्रिय हो रही हैं। हम चाहते हैं कि इस व्यापार मेले में विजिटरों को रोजमर्रे की जिंदगी में पारंपरिक इलाज के तौर-तरीके लागू करने के बारे में जानकारी मिले। आयुष मंत्रालय में सभी आयुष सिस्टम के लिए रिसर्च काउंसिल है। इनमें आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी शामिल हैं। इसमें राष्ट्रीय संस्थान भी शामिल हैं।”

“ये जो मिजाज है, नया नहीं है। हम लोग अपने ओपीडीज में अपने पेशेंट्स का मिजाज असेसमेंट करते हैं, कोई भी दवा प्रेस्क्राइब करने से पहले। इससे हमें ये हेल्प मिलती है कि हर बीमारी का मिजाज है, हर दवा का मिजाज है और हर पर्सन का मिजाज है। तो हर दवा एक ही डिजीज में हर पर्सन को सूट नहीं करती। तो अगर हम प्रायर असेसमेंट कर लेते हैं तो उससे हमें हेल्प होती है उसका ट्रीटमेंट करने के लिए।”

इसके साथ ही रिसर्च ऑफिसर डॉ. अकिला ने कहा कि “आयुष मंत्रालय का महत्वपूर्ण संदेश है कि हम इलाज के इन तरीकों को घर पर बना सीखें।उत्पाद खरीदना एक विकल्प है, लेकिन इन्हें घर पर भी तैयार किया जा सकता है। खासकर बच्चों के लिए स्नैक्स के बजाय बाहर ये घरेलू नुस्खे इम्यूनिटी बढ़ाएंगे। यही संदेश हम देना चाहते हैं।”

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