Delhi: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि एयर क्वालिटी खराब होने की वजह से लागू किए गए ग्रैप-थ्री के मद्देनजर शहर में 106 अतिरिक्त क्लस्टर बसें चलेंगी, जबकि मेट्रो ट्रेनें 60 अतिरिक्त चक्कर लगाएंगी। शहर की एयर क्वालिटी शुक्रवार को भी 411 के साथ गंभीर कैटेगरी में थी, ग्रैप-थ्री के तहत लगाई गई पाबंदियों के बारे में गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में निजी निर्माण, तोड़फोड़ गतिविधियों के साथ-साथ बीएस थ्री पेट्रोल और बीएस फोर डीजल फोर व्हीलर गाड़ियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।
उन्होंने बताया कि ये फैसला कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) की तरफ से गुरुवार को लिया गया। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम 2.5 का स्तर खासतौर से गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण की वजह से ज्यादा है, इसलिए प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। ग्रैप के तीसरे चरण के तहत, एनसीआर राज्यों से सभी अंतरराज्यीय बसों को- इलेक्ट्रिक वाहनों, सीएनजी वाहनों और बीएस-सिक्स डीजल बसों को छोड़कर – दिल्ली में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। साथ ही निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर कड़ा प्रतिबंध लगाया जाएगा, खनन संबंधी गतिविधियों को निलंबित किया जाएगा, पांचवीं क्लास तक के बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं पर विचार किया जाएगा और खास सड़कों पर रोजाना पानी का छिड़काव किया जाएगा।
ग्रैप के तीसरे चरण के तहत दिल्ली और गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर जिलों में बीएस-थ्री पेट्रोल और बीएस-फोर डीजल गाड़ियों के चलने पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली-एनसीआर के लिए जीआरएपी को एयर क्वालिटी के चार चरणों में बांटा किया गया है – स्टेज वन “खराब” एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के लिए जो 201 से 300 के बीच है। स्टेज टू “बहुत खराब” एक्यूआई 301-400 के लिए। स्टेज थ्री “गंभीर” एक्यूआई 401-450 के लिए और स्टेज फोर “बेहद गंभीर” एक्यूआई (450 से अधिक) के लिए होता है।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि “दिल्ली के अंदर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ाने के लिए डीटीसी की तरफ से 106 शटल बस सेवाएं दिल्ली के अंदर शुरू की गई हैं जो 1844 फेरे लगाएंगी। इसमें से खास तौर से 40 शटल बस सेवा जो सरकारी कर्मचारी दिल्ली के अंदर अलग-अलग पॉकेट में रहते हैं, उनके लिए शुरू की गई है ताकि वो प्राइवेट गाड़ियों का उपयोग न करें और बसों के माध्यम से अपनी कॉलोनी से अपने दफ्तर तक जाने का काम करें जिससे कि वाहन के पॉल्यूशन के स्तर को कम किया जा सके।”
इसके साथ ही कहा कि “‘ट्रांसपोर्ट को लेकर के अभी जो पॉल्यूशन देखा जा रहा है, उसमें व्हीकल पॉल्यूशन की मात्रा पीएम 2.5 की मात्रा काफी देखी जा रही है। उसको देखते हुए दिल्ली के अंदर जो है बीएस थ्री पेट्रोल और बीएस फोर डीजल, एलएमबी जो फोर पहिया वाहन हैं, उन पर प्रतिबंध रहेगा अब। बीएस थ्री की स्टैंडर्ड या इससे नीचे की जितना रजिस्टर्ड डीजल मीडियम गुड्स व्हीकल हैं, उन पे प्रतिबंध हैं, वो नहीं चलेंगी। इनमें जो छूट होगी, वोजो जरूरी सामान या जरूरी सर्विसेज की जो गाड़ियां हैं उन पर छूट रहेगी। बीएस थ्री और उसके नीचे के जो मीडियम गुड्स कैरियर जो दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड हैं, उनको अब दिल्ली में प्रवेश नहीं दिया जाएगा, उन पर बैन रहेगा। एनसीआर में आने वाली जो इंटरस्टेट बसें हैं, वो दिल्ली में अब बंद रहेंगी, नहीं आने दी जाएंगी। उसमें केवल जो छूट रहेगी इलेक्ट्रिक बस, सीएनजी बस और बीएस सिक्स। यानी बीएस थ्री और बीएस फोर की जो बसें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान जो खास तौर से सराउंडिंग राज्यों से आ रही थीं, अब उन पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इसके पालन के लिए, इसके इम्प्लीमेंटेशन के लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की 84 टीमों को डिप्लॉय किया जा रहा है और ट्रांसपोर्ट पुलिस की 200 टीमों को डिप्लॉय किया जा रहा है जो ये खास तौर से गाड़ियों पर जो नियंत्रण के लिए जो नियम बनाया गया है, उसके अनुपालन के लिए वो काम करेंगी। जो भी उसको उल्लंघन करते हुए पाया जाएगा, उसके ऊपर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।”